कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा

जबलपुरl आज जब हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश हो रहा है, ऐसे में कृषि क्षेत्र में भी फसलों में कीटनाशक दवा व जैविक दवाओं के उपयोग के लिए ड्रोन तकनीक का चलन बढ़ता जा रहा है। जबलपुर जिले के शहपुरा विकासखंड के ग्राम पिपरिया कला में सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग जबलपुर के तत्वाधान में ड्रोन से मूँग एवं उड़द की फसलों पर कीटनाशक दवा, हारमोंस और जैविक फफूंद नाशक दवा का छिड़काव किया गया। अनुविभागीय अधिकारी कृषि इंदिरा त्रिपाठी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी शहपुरा पीके श्रीवास्तव, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीकांत यादव एवं रजनीश दुबे ने कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नितिन सिंघल एवं डॉक्टर ए के सिंह के साथ जाकर खेतों में ड्रोन से दवाओं का छिड़काव करवाया। एग्रो बायोटेक कंपनी हरियाणा के ड्रोन पायलट रवि एवं आशीष द्वारा इस प्रदर्शन का संचालन किया खेतों में सूडो मुनास एवं बवेरिया जैविक कीटनाशक का छिड़काव किया। ग्राम के कृषक राम सिंह पटेल, मुल्लू सिंह एवं अन्य चार पांच कृषकों के खेतों पर लगभग 15 से 20 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन द्वारा सफल छिड़काव किया गया। कृषि अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन से दवा छिड़काव के कई फायदे होते हैं, जैसे कि कम समय का लगना, कम लागत आना एवं दवा का पूरा-पूरा प्रभाव फसल के पौधों पर पड़ना। एक एकड़ की फसल पर दवा के छिड़काव में मात्र 10 से 15 मिनट का समय लगता है एवं ड्रोन ऑपरेटर हवा की गति एवं मौसम के अनुसार छिड़काव करते हैं। आम छिड़काव में पानी की भारी बूंदे रहती हैं जबकि ड्रोन से छिड़काव में पानी की बूंद 250 माइक्रोन से कम की रहती है । जो सीधे फसल में अवशोषित हो जाती है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि आगामी समय में ड्रोन अधिक मात्रा में उपलब्ध होंगे जो कि किसान पहले से बुक करवा कर अपने खेतों में दवा का छिड़काव करवा सकते हैं।