स्कूल के लिए रोज सात किलोमीटर पैदल चलकर जाती हैं बेटियां

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने विदिशा जिले में "स्कूल के लिये रोज सात किमी पैदल चलकर जातीं हैं बेटियां’’ शीर्षक वाली मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विदिशा जिले के गांव मारखेड़ा और गुरोद की कक्षा 11वीं एवं 12वीं की किशोरवय छात्राओं को करीबी गांव जोहद के हायर सेकण्डरी स्कूल जाने के लिए रोज पांच से सात किमी की पदयात्रा करना पड़ती है। यही स्थिति जिले के सभी 88 हायर सेकण्डरी स्कूलों की भी है, लेकिन आज तक इन बेटियों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध ही नहीं हो पाई है। मामले में मप्र मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, मप्र शासन, मंत्रालय, भोपाल से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने यह भी कहा है कि छात्राओं को शिक्षा पाने का मौलिक/मानव अधिकार प्राप्त है। छात्राओं द्वारा विभिन्न कठिनाईयों के कारण पढ़ाई छोड़ देने के मामले देखे जाते हैं। इस मामले में भी छात्राओं को उनके मौलिक/मानव अधिकार तक पहुंच में बाधा/कठिनाई हो रही है। मप्र शासन की ओर से इस संबंध में सकारात्मक कार्यवाही अपेक्षित है। इसी अनुरूप प्रकरण की जांच करायें और जांच में सभी संवैधानिक/वैधानिक परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत ही प्रतिवेदन दें।