"मिश्रित खेती वाले - गजब के किसान है" - श्याम सिंह

भोपाल जिले के विकासखंड फंदा ग्राम गोलखेड़ी के किसान श्री श्याम सिंह कुशवाह ने मात्र 9 एकड़ जमीन है और वे उन्नत कृषि कर इस भूमि से 15 लाख रूपए की आमदनी अर्जित कर रहे हैं। श्री श्याम सिंह कुशवाह ने यह कारनामा करके दिखाया है। इस उपलब्धि से वे गोलखेड़ी के साथ-साथ आस-पास के गांव में भी प्रसिद्ध हो गए। श्री कुशवाह बताते है कि आत्मा परियोजना में जैविक एवं कृषि विविधिकरण से जानकारी प्राप्त कर उसका उपयोग कृषि कार्य में किया गया। वे बताते है कि उनके पास कुल 9 एकड़ जमीन है जिसमें से 2 एकड़ में सब्जी, 4 एकड़ में अनाज की फसल, 2 एकड़ में फल और आधा एकड़ में जैविक खाद बनाते है। श्री श्याम सिंह बताते है कि कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से खेत में पॉली हाउस बनाया गया जिसमें सब्जियों की खेती अत्याधिक लाभकारी सिद्ध हुई है।
श्री कुशवाह बताते है कि पालक की खेती में उनको ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ है उनका कहना है कि पालक 8 माह से बाजार में अलग-अलग दामों में अभी तक बेच रहा हूँ। उनका कहना है कि पालक सब्जी 100 रूपए से लेकर 20 रूपए तक मार्केट में बेची जा रही है। पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मैथी, चौलाई जैसी फसलों की 100 क्विंटल से अधिक उपज 2 एकड़ में प्राप्त कर रहा हूँ। श्री कुशवाह बताते है कि मेरा गांव राजधानी के करीब होने से जैविक सब्जियों की अच्छी मांग रहती है। स्थानीय और गैर शासकीय संस्थाओं के माध्यम से जैविक सब्जियां सीधे उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराता हूँ जिससे उसका अच्छा दाम मिल जाता है। वे बताते है कि कृषि के साथ-साथ उन्होंने पशुपालन भी किया है जिससे वे दूध का धंधा भी कर रहे है। उनका कहना है कि 60 से 70 लीटर प्रतिदिन दूध का विक्रय कर रहे है जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है।
श्री कुशवाह बताते है कि जैविक खाद बनाने के लिए उन्होंने पहले कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया है इसके बाद से मटका खाद एवं दशवत्ती काढ़ा बना रहा हूँ इसके अलावा केचुओं के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट, वर्मीवाश आदि का उपयोग फसलों में करने से डीएपी एवं अन्य रसायनों की आवश्यकता नहीं पड़ती है और इससे फसल भी अच्छी मात्रा में पैदा होती है। श्री कुशवाह का कहना है कि फसल के दानों में भी चमक एवं गुणवत्ता बनी रहती है। इन जैविक खादों का उपयोग फलदार वृक्षों एवं सब्जी उत्पादन करने से मिट्टी की उर्वरकता में बढ़ौत्तरी होती है। श्री कुशवाह बताते है कि इस सफलता का श्रेय मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही कृषि की उन्नत एवं आधुनिक जानकारी समय समय पर कृषि विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और स्वयं की सतत मेहनत को देते है।