भाजपा ने दिग्गज, योग्य, कर्मठ जनप्रतिनिधियों का गला घोंट दिया__

दिव्य चिंतन
भाजपा ने दिग्गज, योग्य, कर्मठ जनप्रतिनिधियों का गला घोंट दिया__
हरीश मिश्र
धर्म, विज्ञान और राजनीति में निरंतर शोध होते हैं । इनके गर्भ में सृजन और विसर्जन दोनों का समावेश है । मध्यप्रदेश में तो शिवराज की पहचान ही सृजन से विसर्जन तक के रुप में है । उन्होंने जो नया प्रयोग किया है उसके परिणाम गर्भ में छुपे हैं । उपचुनाव परिणाम तय करेगा कि सृजन होगा या विसर्जन ?
सनातन धर्म में एक कथा है । पार्वती जी को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर काट कर बालक के धड़ से जोड़ दिया । जिससे आदि देव श्री गणेश का सृजन देवलोक से पृथ्वी लोक के कल्याण के लिए हुआ। दूसरा विज्ञान में क्लोनिंग एक आविष्कार है। वैज्ञानिकों ने मादा भेड़ के स्तन की कोशिका और दूसरी मादा भेड़ के डिम्ब को मिलाकर नई भेड़ को जन्म दिया था । इस आविष्कार के सृजन से कितने ही निस्संतान दंपत्तियों के घरों में किलकारी गूंजने लगी । जब धर्म और विज्ञान में आविष्कार होते हैं, तो राजनीति में क्यों नहीं ?
मध्यप्रदेश में राजनैतिक क्षेत्र में क्लोनिंग हुई। नरों में उत्तम पुरुष नरोत्तम मिश्र, सहज-सरल रामपाल सिंह और शिवराज के विश्वासपात्र अरविंद भदोरिया ने टाइगर और महाराजा का घोड़ों के अस्तबल में अमावस्या की काली रात में मिलन कराया । दोनों की सत्ता सुख भोगने की सहमति के बाद, टाइगर की कोशिका और महाराजा के घोड़ों के डिम्ब से सत्ता की चाह में, टाइगर सरकार का जन्म हुआ । राजभवन में लाल जी टंडन ने टाइगर सरकार को विधि की मान्यता देने के लिए, वेंटिलेटर पर लेटी कमलनाथ सरकार का अॉक्सीजन मास्क हटा दिया और सरकार के प्राण ले लिए। आज वह खुद वेंटिलेटर पर हैं।
टाइगर और घोड़े के कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी अनचाही संतान कवच और कुंडल लेकर जन्मी । कवच इस बात का कि उपचुनाव में टिकट दिया जाएगा और कुंडल मंत्री पद सत्ता का आनन्द भोगने के लिए ।
शिवराज ने पहला वचन निभाया ।उपहार स्वरूप दल बदलने वाले, आनिर्वाचित , अयोग्य पूर्व विधायकों को मंत्री पद बांटकर सत्ता के कुंडल भेंट कर दिए । मंत्री पद मिलते ही पूरे प्रदेश में महाराजा के घोड़े और उनके समर्थक लोकतंत्र की चौपाल पर हिन-हिना रहे हैं । हिन- हिनाते घोड़ों को हरा चारा डालने के लिए लोकतंत्र में चार-चार,पांच-पांच बार लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुनकर आए भाजपा के दिग्गज, योग्य, कर्मठ जनप्रतिनिधियों का गला घोंट दिया गया। अपने अनुचित कृत्य को छुपाने के लिए आदर्शों का स्वर्ण कलश को सिर पर उठा कर शिवराज, विष्णु दत्त शर्मा, सुहास भगत लोकतंत्र की रक्षा का उत्सव मनाने लगे।
उत्सव मनाते समय कालिख पुते चेहरे को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। रात के अंधेरे में किए पाप को त्याग की महिमा बता कर महिमा मंडित किया जा रहा है। प्राकृतिक और खनिज संपदाओं से भरपूर होकर भी प्रदेश दरिद्र है, संपन्नता से वंचित । उस दरिद्र प्रदेश में उपचुनाव के उत्सव की तैयारियां की जा रही हैं । कोरोना संकट काल में आम आदमी को दाल रोटी के लाले पड़े हैं। तब चुनाव थोप कर भी भाजपा बेहिसाब खुश है । हमारी संस्कृति में खुश होने के बहुत अवसर आते हैं । वृद्ध की मृत्यु पर भी ढोल-ढमाके के साथ अर्थी ले जाने की परम्परा है । ढोल-ढमाके इसलिए बजाए जाते हैं कि वृद्ध अपने पीछे नाती-पोते और सम्पन्न परिवार छोड़ गए । कमलनाथ सरकार की अर्थी उठाकर भाजपा इसलिए खुश है कि अनचाही संतान से लाखों नाती-पोतों का कृत्रिम रुप से जन्म हो गया । अपनी जायज संतान का हक मारकर अनचाही संतान को बांटने की कला कोई शिवराज, विष्णु दत्त शर्मा और भगत से पूछे ।
एक यक्ष प्रश्न हमेशा देश की जनता के मस्तिष्क को झकझोर रहा है । देश की संसद को मंदिर मानकर प्रणाम कर प्रवेश करने वाले देश के प्रधान मोदी जी की आखिर क्या मजबूरी है कि विरोधी दलों की सरकारें गिराकर भाजपा की सरकार बनाने की अनुमति दे रहे हैं ?
देश की राष्ट्रवादी जनता ने 2014 लोकसभा चुनाव में 282 और 2019 में 303 सांसदों का भरपूर बहुमत देकर मोदी जी को विराट समर्थन दिया। जनता ने प्रदेशों में विपक्ष की सरकारें बनाने के लिए बहुमत दिया। जब भाजपा शासित प्रदेशों में विपक्ष की सरकारी बनी तो उसका स्पष्ट कारण स्थानीय नेतृत्व की अक्षमता एवं भ्रष्टाचार रहा । जिसके कारण जनता ने भाजपा को प्रदेशों में नकार दिया।
मोदी जी ! जनता के मत से चुनी गई विरोधी दलों की सरकारों को पूर्ण सम्मान देकर चलने दें। विरोधी दलों की सरकारें गिराने का पाप केंद्र में बैठी कांग्रेस सरकारों ने आजादी के बाद से किया, इसीलिए जनता ने उन्हें सबक सिखाया है।
मोदी जी की सहमति के बिना इतने बड़े पैमाने पर दल-बदल कर सरकार नहीं बदली जा सकती । विधि की शपथ लेने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा है कि केंद्र के इशारे पर प्रदेश सरकार गिराई गई।
मोदी जी देश की जनता को किस गुनाह की सजा दे रहे हैं ? जनता द्वारा चुनी सरकार की भ्रूण हत्या हो जाने पर भी हर बात पर बोलने वाले और लगातार बोलने वाले मोदी जी विधायकों की खरीद-फरोख्त पर हमेशा से मुंह बंद कर बैठे हैं । जनता बेताबी से इंतजार कर रही है कि वह इस विषय पर खुलकर बोलें। उनके विचार देश की जनता के सामने आना जरूरी है ।
( लेखक-एंटी हॉर्स ट्रेडिंग फ्रंट के राष्ट्रीय संयोजक हैं )