भाजपा के मिश्र तलाब में कमल ककड़ी को जड़ से उखाड़ने में लगे हैं...

गोपालपुर, दरगाह और सागर रोड़ नाके तक सड़क किनारे लगे हरे वृक्ष सड़क चौड़ीकरण के लिए काट दिए गए। तब गांधी प्रतिमा के सामने वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल जो अभी कटा नहीं है, उसने बहुत नजदीक से रायसेन को देखा है। वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल के कटने से पहले उसकी व्यथा मेरी कलम से__
दिव्य चिंतन
मैं वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल हूं_मुझ पर सबका लेखा है_
जुगनू के प्रकाश से कमल नहीं खिल सकता__
हरीश मिश्र
मैं गांधी प्रतिमा के सामने वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल हूं । अंतिम उपचुनाव का साक्षी । अंतिम इसलिए कि हजारों वृक्षों की तरह मुझे भी विकास के नाम पर
" प्रभुराम "की कृपा से कुछ दिनों में काट दिया जाएगा।
शांत-चित्त स्थिति से जब-जब रायसेन को निहारता हूं, तो अनायास ही रायसेन के प्रति मोह उमड़ पड़ता है। उमड़ते बादल_चहचहाहट करती चिड़ियांहवा के झोंके। इतिहास और वर्तमानउत्थान और पतन_ राजनीति और विश्वासघात । मैंने बहुत नजदीक से देखा है। मेरे पास सबका लेखा है।
नबाबी हुकुमत का साक्षी रहा हूं_ विलीनीकरण आंदोलनदेर से मिली आज़ादी का जश्नदुर्ग पर शिव मंदिर प्राण प्रतिष्ठाकॉलेज की स्थापना। राष्ट्रीय राजमार्ग आंदोलन_विशाल चुनरी यात्रा को मैंने बहुत नजदीक से देखी है ।
ऊपर किला_नीचे जिले की दुर्दशा को देखा है। डॉक्टर शिव शर्मा, रामनाथ गोयनका, प्रताप भानु शर्मा, राघव जी, अटल बिहारी वाजपेई, शिवराज सिंह चौहान, सुषमा स्वराज, उमाकांत भार्गव का भाग्य बदलते देखा है। राजामाता सिंधिया की गर्जना_अटल जी की ललकार और
सुषमा स्वराज की सशक्त आवाज सुनी और रेलवे लाइन के झूठे वादे पर सुषमा स्वराज का नागरिक अभिनन्दन होते मैंने देखा है।
राजनेताओं में शिवराज जी को सबसे ज्यादा फेंकते देखा_ दिग्विजयसिंह का अल्पसंख्यक प्रेम देखाडॉ गौरीशंकर शेजवार का रुतबामुदित को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसते देखा डॉ प्रभुराम चौधरी का कांग्रेस से भाजपा की काया में प्रवेश देखा है_ शेरू मियां को फल बेचते देखा है__ बंद करो मतदान, बिक जाते हैं श्रीमान ! का नारा पूरे देश में गूंजते देखा है।
मैंने होली, दिवाली, गणेश उत्सव, नवरात्रि, ईद और रमजान के गुलजार बाज़ार देखें हैं । तो लॉकडाउन में बंद पड़े बाज़ार भी देखें हैं। बौने कद के बड़ी-बड़ी बातें करने वाले राजनेताओं को देखा है। कोरोना में अपने सामने अमित-सुमित की असमय दर्दनाक मौत देखी है। अग्रवाल परिवार का वन, उपवन उजड़ते देखा है।
मैंने श्रोताओं के अभाव में राजनैतिक सभाओं को देखा है। जिसमें स्थानीय नेता पांच श्रोताओं के सामने घंटों बोलने का साहस रखते __ राधेश्याम वशिष्ठ, अन्नुमियां,कमल पेंटर, गुलाम सरवर आजाद, शकील मियां जैसे नेताओं को घंटों सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर बोलते देखा । मां बेटे का प्यार देखा। जब मुन्ना के लिए मां मुन्नी कलेक्टर की गाड़ी के सामने खड़ी हो जाती थी और सीधे कलेक्टर को चुनौती देती । मुन्ना-मुन्नी की चुनौती पर कलेक्टर को भी हंसते देखा है।
मैंने प्रथम नागरिक स्व. रामप्रसाद राठौर के कार्यकाल की सब्जी मंडी, स्व. रवि महेश्वरी का जुझारूपन, राजकुमार यादव का सुअर मुक्त शहर, मंजू धीरेन्द्र सिंह कुशवाहा का दीनदयाल परिसर और जमना सेन चरण सेवक को बहुत नजदीक से देखा है।
मैंने इस शहर को कई बार दंगों में जलते देखा। आपसी भाईचारे के लिए गले मिलते देखा है। आनंद-अनीस की मौत देखी है और अब अंतिम बार उप चुनाव देख रहा हूं।
मैं देख रहा हूं। इस उपचुनाव में कांग्रेस-भाजपा के असंख्य योद्धा आए हुए हैं। प्रभु राम के परकाया ( भाजपा ) प्रवेश से कुछ चेहरे हर्षित हैं,कुछ मुरझाए हुए हैं। भाजपा में कुछ ऐसे चेहरे पहले से हैं, कुछ नए प्रवेश पाए हैं । जिनका प्रातः नाम ले लो या उनका चेहरा देख लो तो दिन में आहार भी नहीं मिलता। तब उनको आगे कर क्या शिवराज चुनाव जीत सकते हैं ? भाजपा को उम्मीद है उन जुगनू जैसे चमकते चेहरों से उपचुनाव में कमलिनी खिल सकती है ? लेकिन जुगनू के प्रकाश से कमल नहीं खिल सकता।
शिव, विष्णु की कृपा से प्रभुराम ने ईमान वालों को टोपी पहनाकर, श्री राम की सत्ता को स्वीकार किया है। मक्का मदीना में हज यात्री शैतान को सात कंकड़ मारते हैं__ दूसरी तरफ राम भक्त दशहरा पर रावण को जलाकर असत्य पर सत्य का पर्व मनाते हैं। इस उपचुनाव में ईमान वाले शैतान को सबक सिखा सकते हैं और रावण की सत्ता लोलुपता का अंत राम-भक्त बटन-दबाकर कर सकते हैं।
सत्ता की कमल ककड़ी खाने के लिए भाजपा के अनुशासन प्रिय कार्यकर्ता मिश्र तलाब में कमल ककड़ी को जड़ से उखाड़ने में लगे हैं। कुछ जागृत और कुछ आत्मा से मरे हुए कार्यकर्ता आपस में संघर्ष कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व के एक निर्णय ने भाजपा की अशोक वाटिका को उजाड़ दिया। यदि शिव को सत्ता का तिलक राम को करना है, तो ऐसे जुगनूओं की चमक पर नहीं, शंकर के प्रताप पर भरोसा करना होगा। नहीं तो मदनलाल का राज तिलक खामोश मतदाता कर सकते हैं और मैं पीपल कटने से पहले राम नाम सत्य है__का साक्षी बन सकता हूं।