दिव्य चिंतन : रायसेन नगर पालिका में- 'ज्योति' बुझी कब आएंगे 'सुनहरे' दिन

हरीश मिश्र
मुख्य नगरपालिका अधिकारी, रायसेन सुश्री ज्योति सुनेरे ने एक दिसम्बर को ही पदभार ग्रहण किया और सोलह दिन बाद निलंबित हो गईं।
जिस दिये की ज्योति दो तीन साल जलना थी, सोलह दिन में बुझकर राख हो गई। सोलह दिन में बुझने का सबसे अधिक दर्द गर्ग को है। जन चर्चा है सड़क ठेकेदार गर्ग ने भोपाल में लाखों की न्यौछावर देकर ज्योति को पुनः परिषद में प्रज्जवलित ( पदस्थापना कराई थी ) किया था।
भ्रष्टाचार को सिद्ध करने वाले एक पत्रकार ने ठेकेदार गर्ग को सलाह दी थी ज्योति पुनः प्रज्जवलित ( रायसेन परिषद में पदस्थ ) होंगी तो तुम्हारे सुनहरे दिन आएंगे।
ज्योति जहां पदस्थ रहीं वहीं उन्होंने भ्रष्टाचार के निषिद्ध फल खाए। जब बुद्ध की नगरी सांची परिषद में पदस्थ थी , तब स्वच्छता अभियान में परिषद को चपत लगाई।नीले डस्टबिन में कलदार और हरे डस्टबिन में गांधी जी स्वीकार किए। जिसके परिणाम स्वरूप वह आज निलंबित हुईं।
जमना सरकार के समय भ्रष्टाचार की ज्योति रायसेन परिषद में भी खूब जली। गोपालपुर से भोपाल रोड़ चौराहा तक सड़क और चबूतरा निर्माण में गर्ग ठेकेदार ने दिये में डामर डाल कर ज्योति जलाई थी, जिससे निकले धुंए से जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों के चेहरे पर कालिख पुती थी और इस काले डामर को पीने के कारण पी के निलंबित हुए थे। डामर के दाग धवल वस्त्रों पर भी पड़े थे।
ज्योति के पुनः पदभार ग्रहण करने के बाद
नगर पालिका के कुलगुरु आचार्य जी के आह्वान पर मंगलवार को ही परिषद में वर्षों से जमे बहादुर कर्मचारी नेताओं में सहमति बनी थी कि गणेश वंदना में कमल के फूल से पुष्पांजलि परिषद में पदस्थ समझदार, आकर्षक मनु द्वारा दी जाएगी और गणेश की जिस पर कृपा होगी न्यौछावर उसे ही मिलेगी, लेकिन न जाने किस की बुरी नज़र लगी कि ज्योति बुझ गई, बेड़ा "गर्ग" हो गया।
कुल गुरु आचार्य जी ने तय किया था कि परिषद में अखंड ज्योति जलेगी और पी के कोई भी साहूकारी नहीं करेगा और प्रसाद में कंकड़ पत्थर नहीं आना चाहिए। जिसे पीना है, वह अपनी व्यवस्था परिषद के बाहर फिल्टर प्लांट पर स्वयं करेगा ।
अब ज्योति के बुझकर राख हो जाने के बाद कलेक्टर एवं प्रशासक की ओर नगर के नागरिक आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं कि नव वर्ष में रायसेन नगरपालिका के भी सुनहरे दिन आएं और ईमानदार, सहज नगरपालिका अधिकारी इस परिषद को मिले। जिससे शहर का विकास हो सके।