हिंदुओं के आराध्यों पर हमले होते रहते हैं, सरकारें और अदालतें बस देखती रहती हैं?

बिहार में चल क्या रहा है? पहले सत्तारुढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बनाया जा रहा है। अब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया है। क्या इस देश में हिंदुओं की भावनाओं पर प्रहार पर प्रहार किये जाते रहेंगे? कभी कोई सर तन से जुदा की धमकी देता है तो कभी कोई राम का, शिव का या देवी दुर्गा का अपमान कर देता है। लेकिन हिंदू से अपेक्षा की जाती है कि वह सहिष्णु रहे, कानून को उसका काम करने दे। हिंदू सहिष्णु बना रहता है, कानून को उसका काम करने देता है और एक दिन न्याय मिलने की आस में अपने आराध्यों पर हमला होते देखता रहता है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ऐसा मंत्री को मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। इस बीच, अयोध्या के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। उन्हें एक सप्ताह के भीतर मंत्री पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। और उन्हें माफी मांगनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है, तो मैं बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा करता
राजद नेता ने कहा कि रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाता है। मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स … ये किताबें ऐसी किताबें हैं जो नफरत फैलाती हैं। नीरज कुमार दुबे