नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की मांग की जा रही है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा वकील वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है ‎कि संवैधानिक संशोधन को अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता। या‎चिका में कहा गया है कि जनगणना और परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सीटों की संख्या पहले ही घोषित की जा चुकी है और वर्तमान संशोधन मौजूदा सीटों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देता है। कांग्रेस द्वारा दायर याचिका में कहा गया है ‎कि संशोधन को तुरंत लागू करने के लिए यह एक आकस्मिक स्थिति है, यही कारण है कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए एक विशेष उद्देश्य के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था। लेकिन विवादित रुकावट डालना लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के उद्देश्य को विफल करना है।
गौरतलब है ‎कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक 2023 इस साल सितंबर में संसद के एक विशेष सत्र में पारित किया गया था। यह अ‎धि‎नियम लोकसभा और दिल्ली सहित सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा अनिवार्य करता है। हालां‎कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2029 में महिलाओं के लिए कोटा पूरी तरह से देश भर में लागू होने की संभावना है, जो ‎कि 15 साल की अवधि तक जारी रहेगा।