जबलपुर l विश्व सिकल सेल दिवस पर आज जिला अस्पताल में सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन को लेकर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री राकेश सिंह ने विधायक श्री अशोक रोहाणी एवं डॉ अभिलाष पाण्डेय के साथ दीप प्रज्वलित कर किया।          

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सिकलसेल एक अनुवांशिक बीमारी है और हमारा देश वर्ष 2047 तक इसके उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत रहेगी। हम सब जागरूक होकर इस बीमारी रूपी अभिशाप को ख़त्म कर सकते हैं। जो भी इस बीमार से पीड़ित है उन्हें विवाह पूर्व काउंसलिंग अवश्य करानी चाहिए।     

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये विधायक श्री अशोक रोहाणी ने कहा कि जागरूकता ही कमी के कारण ही यह बीमारी फैल रही है इसके कारण शरीर के आवश्यक अंग प्रभावित होते हैं इसलिए इसकी रोकथाम जरूरी है। विधायक डॉ अभिलाष पाण्डेय ने कहा कि सिकलसेल की रोकथाम के लिए नियमित जांच एवं उपचार शिविर आयोजित किए जाते रहना चाहिए सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही नहीं हम सब की यह जिम्मेदारी है इसके उन्मूलन के लिये लोगों में जागरूकता पैदा की जाये।        

प्रारम्भ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें सिकल सेल एनीमिया मरीजों की जांच कर निःशुल्क उपचार किया जायेगा। साथ ही निःशुल्क दवा वितरण, परामर्श एवं जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड का वितरण भी सिकल सेल से पीड़ित बच्चों को किया गया । कार्यक्रम के दौरान सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया उपचार एवं फॉलोअप कार्ड पुस्तिका का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया।     

जिला स्तरीय कार्यक्रम में डिंडौरी में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में आयोजित किये गये राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया ।  इसके साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर भी सिकलसेल उन्मूलन जागरूकता की गतिविधियां आयोजित की गईं । इस अवसर पर बताया गया कि सिकलसेल एक आनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी में रोगी के लाल रक्त कोशिकाएं हँसिए के आकार में परिवर्तित हो जाती है। अग्रेंजी में हँसिए को सिकल कहा जाता है। सिकल सेल से फेफड़े, हदय, गुर्दे, लीवर व अन्य आवश्यक अंगो के खराब होने का अंदेशा रहता है। जोड़ों मे सूजन या दर्द होना, पित्ताशय की पथरी, बार-बार बुखार या जुकाम होना, तिल्ली का बढ़ जाना, लीवर पर सूजन आना, बच्चों का विकास न होना, रोग प्रतिरोधक शक्ति घटने से दूसरी बीमारियों का आसानी से होना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं।         

नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश वर्मा ने सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित रोगियों हेतु सावधानियां बतायी है प्रत्येक सिकल सेल एनीमिया के मरीज को दिन भर में जितना संभव हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, प्रतिदिन एक गोली फॉलिक एसिड की जरुर लेनी चाहिए। जो एनीमिया को कम करेगी और खून में नई लाल रक्त कोशिका बनाने में मदद करेगी, उल्टी-दस्त और पसीने के द्वारा शरीर का ज्यादा पानी बाहर निकल जाता हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे, शराब धुम्रपान या अन्य नशायुक्त चीजों का सेवन न करें। जिले में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व ग्राम स्तर पर हैल्थ एवं वैलनेस सेंटर पर 40 वर्ष तक के नागरिकों की निःशुल्क सिकल सेल एनीमिया की जांच की जा रही है।    

विश्व सिकलसेल दिवस पर जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केदो में सिकल सेल की स्क्रीनिंग की गई जिसमें जिला चिकित्सालय जबलपुर में कुल 25, विकासखण्ड पाटन में 243, मझौली में 43, शहपुरा 490, ब्लॉक 458,  पनागर में 48 की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 01 वाहक,  बरगी में 143 में 01 वाहक और विकासखण्ड सिहोरा में 437 जिसमें 01 पॉजिटिव मिला। कुल जबलपुर जिले में 1887 की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 01 पॉजिटिव और 02 वाहक के मरीज मिले।

कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ मनीष मिश्रा, डॉ आर के चौधरी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल, जिला ब्लड बैंक प्रभारी डॉ अमिता जैन, अर्बन नोडल अधिकारी डॉ एस एस दाहिया, कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ कमलेश वर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता, जिला मीडिया अधिकारी अजय कुरील एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय पाण्डे भी मौजूद थे।