युवाओं ने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण यूनिट और पॉली हाउस को समझा पुरानी मच्छरदानी से बना सकते हैं पॉली हाउस- डॉ. जैन

बड़वानी /शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ द्वारा प्रषिक्षित किये जा रहे व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैविक खेती के विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, तलून, जिला-बड़वानी में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण यूनिट और प्राकृतिक रूप से हवादार एवं वर्षा रोधी पॉली हाउस को देखा और विषय विषेषज्ञों के माध्यम से उनकी कार्य प्रणाली और उपयोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस. के. बड़ोदिया, डॉ. डी. के. जैन एवं प्राचार्य डॉ. दिनेष वर्मा ने जानकारी दी। डॉ. दिनेष वर्मा ने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण यूनिट के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि लगभग नब्बे दिन में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाती है। इसे केंचुआ खाद कहते हैं यह जैविक खाद है और इसकी बहुत अधिक उपयोगिता है। उन्होंने केंचुओं की विभिन्न प्रजातियों और उनकी जीवन शैली तथा कम्पोस्ट निर्माण की प्रक्रिया पर भी रोषनी डाली। डॉ. डी. के. जैन ने पॉली हाउस में क्यारी, क्यारी बेड, पौधे तैयार करने की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया। वहां तैयार हो रहे मिर्ची के पौधों के बारे में जानकारी दी। डॉ. जैन ने कहा कि आप अपने खेत में या अपने घर पर भी बिना अधिक धन खर्च किये पॉली हाउस बना सकते हैं। आप अपने घर रखी पुरानी मच्छरदानी और बांस या लकड़ियों की सहायता से पॉली हाउस बनाकर पौधे तैयार कर सकते हैं। विजिट का समन्वय प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने किया। सहयोग नागरंिसह डावर एवं डॉ. मधुसूदन चौबे ने किया।