सोयाबीन की खेती करने वाले कृषकों को उपयोगी सलाह

सतना l किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने सोयाबीन की फसल लेने वाले जिले के किसानों को समसामयिक सलाह दी है। किसानों को बताया गया है कि अनुसंधान निष्कर्षों के आधार पर यह सप्ताह सोयाबीन की बोनी के लिए सबसे उपयुक्त है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मनोज कश्यप के मुताबिक बोनी के लिए किसानों को मानसून के आगमन एवं न्यूनतम 90-100 मिली मीटर वर्षा के मध्य भिन्न समयावधि वाली सोयाबीन की 2 से 3 किस्मों का उपयोग करना चाहिये। बीज दर 60 से 70 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं कतारों की दूरी 45 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिये। साथ ही बीज को 2 से 3 सेंटी मीटर की गहराई पर बोना चाहिये।
उप संचालक ने सोयाबीन की बोनी रिज-फरो पद्धति से करने की भी सलाह किसानों को दी है। उन्होंने कहा कि इससे अतिवर्षा अथवा सूखा का जोखिम कम हो जाता है। उन्होंने किसानों से कहा है कि सोयाबीन की बोनी बीज के साथ उर्वरक मिलाकर न की जाये। इससे बीज सड़ने का खतरा रहता है। उर्वरक का प्रयोग सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल से या बोनी से पहले अपने खेत में छिड़काव कर अच्छी तरह से मिट्टी से मिलाकर करने की सलाह दी है। उप संचालक किसान कल्याण ने किसानों से कहा कि बोनी के समय बीज का उपचार आवश्य करें, ताकि फफूंद जनित एवं कीट जनित रोगों से सुरक्षा हो सके। किसानों को बीज का फफूंदनाशी, कीटनाशक एवं जैविक कल्चर से क्रमानुसार उपचार करने की सलाह भी दी है।