सतना l नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी के मुख्य आतिथ्य में बुधवार को एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सेन्ट्रल हाल में आत्मा परियोजना अंतर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में परियोजना संचालक आत्मा राजेश त्रिपाठी, कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजय पाण्डेय, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए.के. भौमिक, सहायक संचालक कृषि राम सिंह बागरी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी संजय सिंह, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, श्रीमती अलका शुक्ला, श्रीमती पूजा पाण्डेय, सतेन्द्र कुमार नामदेव सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि परम्परागत तरीके से खेती के हमारे बुजुर्गो द्वारा जो गुर बताये गये थे, उनके साथ ही कृषि की नवीन वैज्ञानिक तकनीकी का उपयोग करना लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि आज कृषि में अधिकतम पैदावार के लिए रसायन एवं कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है। जिससे उत्पादित अनाज स्वास्थ्य की द्रष्टिकोण से उतना सुरक्षित नहीं रह गया है। हर घर में कैंसर, बी.पी. एवं सुगर जैसी बीमारी से लोग ग्रस्त हो रहे है। जबकि हमारे पूर्वजो द्वारा जो पहले कृषि की जाती थी वह पूर्णतः पोषणयुक्त, संतुलित तथा स्वास्थ्य की द्रष्टिकोण से सुरक्षित रहती थी। राज्यमंत्री ने कहा कि पहले हर घर में 25-50 पशुधन लोग पाला करते थे। जिससे पर्याप्त मात्र में गोबर का का खाद होती थी। जिसका उपयोग हम अपने खेतां में फसल उगने में करते थे। जिससे हमारी फसल पूर्णतः सुरक्षित रहती थी। आज सरकार किसानो को उनकी मांग अनुसार कृषि में भी बहुत अधिक सुविधाए विकसित की है। जिसमे जैसे फसल सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर तकनीक में अनुदान/फसलो में सुचारू हेतु स्प्रेयिंग हेतु ड्रोन तकनीक का भी विकास किया गया है जिस पर शासन अत्यधिक मात्रा में अनुदान मुहैया करा रही है।