जुन्नारदेव विकास खण्ड के ग्राम जुन्नारदेव की रहने वाली सुश्री अर्चना पवार, संकल्प स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं। वे मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर अपने जीवन में एक नई शुरुआत की मिसाल बनी हैं। मिशन के कर्मचारी श्री मनोज पटेल द्वारा व्यवसायिक सब्जी उत्पादन और सीजनली फसल उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ इस दिशा में कदम बढ़ाया।
प्रारंभिक चुनौतियां और प्रशिक्षण-  पहले सुश्री अर्चना केवल सीजनली सब्जियां और बारिश के मौसम में मक्के की फसल लगाकर अपने परिवार का गुजर-बसर करती थीं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण जीवन की जरूरतें मुश्किल से पूरी हो पाती थीं। लेकिन आजीविका मिशन से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम ने उनकी सोच और हुनर को नई दिशा दी। जैविक खाद और जैविक दवा उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने व्यवसायिक सब्जी उत्पादन की शुरुआत की।
व्यवसायिक सब्जी उत्पादन- सुश्री अर्चना ने लगभग एक एकड़ भूमि पर आलू, टमाटर, बैंगन, पत्ता गोभी, प्याज और पत्तेदार सब्जियों के साथ बेल वाली सब्जियां उगाना शुरू किया। हाईब्रिड बीज पर 9000 रुपये की लागत से खेती शुरू की। जैविक खाद और दवाएं खुद तैयार करने से लागत कम हुई और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ी। अब वे पास के साप्ताहिक हाट बाजार, जैसे जुन्नारदेव, में अपनी सब्जियां बेचती हैं।
आर्थिक सुधार-  इस प्रयास का सबसे बड़ा लाभ उनकी मासिक आय में हुआ। पहले जहां उनकी आय 3000 रुपये थी, वहीं अब यह बढ़कर 9000 से 12000 रुपये हो गई है। सब्जी उत्पादन के साथ-साथ उनका परिवार भी इस कार्य में सहयोग करता है, जिससे वे अधिक उत्पादन और बिक्री कर पाती हैं।
जीवन स्तर पर प्रभाव-  अर्थिक सुधार के साथ ही सुश्री अर्चना के जीवन स्तर में भी बदलाव आया है। अब वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और परिवार की सभी जरूरतें पूरी करने में सक्षम हैं। उनकी सफलता से गांव के अन्य सदस्य भी प्रेरित हुए हैं और वे भी व्यवसायिक सब्जी उत्पादन के कार्य में जुटे हैं।
अतिरिक्त गतिविधियां- सब्जी उत्पादन के साथ-साथ सुश्री अर्चना ने बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन और अगरबत्ती निर्माण जैसे अन्य कार्य भी शुरू किए हैं। इन गतिविधियों ने उनके परिवार की आय में और वृद्धि की है।
सम्मान और प्रेरणा- आज सुश्री अर्चना पवार न केवल अपने परिवार का आर्थिक स्तर सुधारने में सफल हुई हैं, बल्कि समाज में उनका सम्मान भी बढ़ा है। उनके प्रयास और सफलता गांव के अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।