किसानों की उन्नति और समृद्धि के लिए कार्ययोजना बनाकर करें काम

रायसेन कलेक्टर श्री अरूण विश्वकर्मा ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग और सहकारिता विभाग की संयुक्त समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए, जिससे कि किसानों की आमदनी में वृद्धि हो। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को उन्नत और नवीन कृषि तकनीकी से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उद्यानिकी और नगदी फसलों की उन्नत खेती की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाए।
कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने बैठक के प्रारंभ में कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान जिले में खरीफ और रबी फसलों के रकबे, सिंचित रकबा, सिंचाई के साधन, केसीसी कार्डधारी किसानों की संख्या, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या सहित अन्य कृषि योजनाओं तथा गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रगतिशील किसानों के खेतों का अन्य किसानों को भ्रमण कराया जाए। इसके अलावा किसानों को पशुपालन और मत्स्य पालन हेतु प्रेरित किया जाए। इसके किसानों की आमदानी बढ़ेगी। कलेक्टर ने किसान हितैषी योजनाओं के लक्ष्य और पूर्ति की जानकारी लेते हुए सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश दिए। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने जिले में उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाने, उद्यानिकी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए।
मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए
मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने जिले उपलब्ध जल संसाधनों तथा उनमें मत्स्य पालन की जानकारी ली। बैठक में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी 395 तालाबों तथा जलाशयों में मत्स्य पालन किया जा रहा है, जिनका जलक्षेत्र 958.90 हैक्टेयर है। इनके अतिरिक्त सिंचाई जलाशयों की संख्या 56 है तथा रकबा 2569.40 हैक्टेयर है। इनमें से 55 जलाशयों में मत्स्य पालन हो रहा है। जिले में मत्स्योत्पादन लक्ष्य के बारे में बताया गया कि निर्धारित लक्ष्य 9270 मेट्रिक टन के विरूद्ध उपलब्धि 8156.458 मेट्रिक टन है। जिले में 89 पंजीकृत समितियां हैं जिनमें सदस्यों की संख्या 2430 है। केसीसी कार्डधारी मत्स्य पालकों की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए गए कि जिन बैंकों में केसीसी प्रकरण लंबित हैं, उनसे संवाद कर प्रकरण स्वीकृत कराए जाएं।
निराश्रित गौवंश के संरक्षण और गौशालाओं के संचालन में गंभीरता से करें काम
कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा के दौरान जिले में पशुओं की संख्या, दुग्ध उत्पादन की मात्रा, पशु टीकाकरण अभियान की प्रगति, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, चलित पशु चिकित्सा इकाई का संचालन, आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना तथा गौशालाओं की संख्या और उनके संचालन की विस्तृत जानकारी ली। कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना की समीक्षा करते हुए लक्ष्य प्राप्ति के लिए विशेष रूचि लेकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने निराश्रित गौवंश के सरंक्षण और गौशालाओं के संचालन में गंभीरता दिखाने के भी निर्देश देते हुए कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण करें। निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में भेजने हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद सीईओ और नगरीय क्षेत्रों में सीएमओ के सहयोग से निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में पहुंचा जाए। जहां हरा चारा, पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण सहित आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों।इसी प्रकार पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी लेते हुए निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध प्रगति बेहद कम होने पर नाराजगी व्यक्त कर कलेक्टर ने कहा कि न्यूनतम एक लाख से अधिक पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराया जाए, इसके लिए पशुपालकों को प्रेरित करें। उन्होंने जिले में संचालित डेयरियों की जानकारी लेते हुए कहा कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को दुधारू पशु प्रदाय योजना का लाभ दिया जाए। उन्होंने जिले में दुग्ध सहकारी समितियों की जानकारी लेते हुए संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने बैंक का कृषि ऋण व अकृषि ऋण वितरण, ऋण वसूली, समिति स्तर पर ऋण वसूली और एनपीए राशि की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि वसूली में तेजी लाई जाए। बड़े बकायादारों की सूची बनाकर अवगत कराएं और उनके ऋण वसूली की कार्रवाई करें। उन्होंने सहकारिता विभाग की भी समीक्षा की। बैठक में सभी संबंधित विभागों के जिला अधिकारी और विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।