खंडवा l इस समय शहर की लगभग आधी से अधिक जनता पीने के पानी के लिए परेशान है और ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने घुटनों के बल चलकर कलेक्टर कार्यालय तक मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि या तो पूरे शहर में नलों में पानी नहीं आ रहा है और जहां आ रहा है, वहां भी गंदा और दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है। इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसके सबूत के तौर पर उन्होंने अपने साथ लाए गंदे पानी से भरी बोतलें और केन भी जिला कलेक्टर को दिखाया। खंडवा नगर की बहुप्रतीक्षित नर्मदा जल योजना, जिसकी लागत करीब 116 करोड़ रुपये थी, उसका अनुबंध विश्वा कंपनी को सौंपा गया था। इस अनुबंध के अंतर्गत खंडवा शहरवासियों को साफ एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था। परंतु इस योजना में भारी भ्रष्टाचार एवं तकनीकी लापरवाही के चलते अब तक लगभग 380 बार इस कम्पनी द्वारा बिछाई नर्मदा जल की पाइप लाइन फूट चुकी है। इस बार-बार हो रही पाइप लाइन की टूट-फूट से खंडवा की जनता पिछले 15 साल से शुद्ध जल की एक-एक बूंद के लिए तरस रही है। पाइप लाइन फूटने के चलते शहर में बार-बार पैदा हो रहे इस कृत्रिम जल संकट को देखते हुए हाल ही में जिला कलेक्टर ने नर्मदा पाइप लाइन में रिसाव या टूट-फूट होने पर विश्वा कंपनी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का कहा था। साथ ही कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी कहा था। इस पर कांग्रेस पार्टी पार्षदों ने कलेक्टर को उनका आश्वासन याद दिलाते हुए विश्वा कंपनी के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने की मांग भी की। उनका कहना था कि इस कार्रवाई से भविष्य में कोई भी कंपनी जनहित की योजनाओं में इस प्रकार की लापरवाही नहीं कर सकेगी।