ऐसी जगह पर जहां सांपों का रिस्क रहता हैतो वहां पर छड़ी से जमीन पर आवाज करते हुए चलें।पत्थरों के नीचेगड्डे के अंदर जिन जगहों पर सांपों के छुपे होने की आशंका रहती हैउन जगहों से छेड़छाड़ न करें।अपने घर के आसपास की घास समय-समय पर कटवाते रहें। घर या फिर दुकान में किसी तरह का कबाड़ इक‌ट्ठा न होने दें।घर या दुकान या गैरेज में छोटे-छोटे गड्‌ढे और दरार हैंतो उसे बंद करें।घर के आसपास कूड़ा इकठा नहीं होने दें।सांप को अकेला छोड़ दें। कई बार सांप के ज्यादा नजदीक आने के कारण लोग सर्पदंशका शिकार बन जाते हैं।अपने हांथ व पैर को उन स्थानों से यथा सम्भव दूर रखें जहाँ पर आपकी दृष्टि न पड़ती हो। जब तक आप सांप की आक्रमण परिधि से सुरक्षित दूरी पर न हो। पत्थर व लकड़ी से मारने का प्रयास न करें।

      यदि मजबूत चमड़े के जूते न पहने होतो ऊंची घास वाले स्थानों से दूर रहे। जहां तक सम्भव हो स्वयं को पगडण्डियों तक सीमित रखें।पानी का मटका भूमि से ऊपर स्टैंड पर ही रखें।

सर्प दंश के लक्षणसांप के डसने या काटने से अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे-स्थानीय लक्षण (Local Symptom )काटने वाली जगह पर दर्द सूजनकाटने के स्थान पर छिद्र या दांत के निशानलालिमा या नीला पड़नाउल्टीजी मिचलाना-अकड़नकंपकपी-एलर्जीस्किन कलर में चेंज,पेट दर्द, दस्तबुखार सिरदर्द,काटने वाली जगह काली पड़ने लगी होकमजोरीप्यास लगना,लो बी.पी.घाव से खून बहनाअंगों के आसपास के हिस्से का सुन्न पड़नायदि सांप जहरीला है, तो पीड़ित को ऑंखे खोलने तथा बोलने में कठिनाई होगी तथा पेशाब मेंखून बहने। सांसें रुकने लगेंगी, खून तथा अंगो के काले पड़ने की भी संभावना है।

सर्प दंश के बाद क्या करें-शांत रहें और घबराएं नहीं। पीड़ित को आराम दें। शांत रहे और जितना संभव हो उतना कम हिलें।घबराने से हृदय की गति बढ़ जाती हैजिससे विष का फैलाव तेजी से होसकता है।

सर्पदंश स्थल को स्थिर रखें:-सर्पदंश स्थल को हृदय के नीचे रखें और उसे स्थिर रखें।जिस अंग पर काटा गया हैउसे हिलाने से बचे।

जल्दी से अस्पताल पहुंचे:-जल्द से जल्द निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुंचे।समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

सर्पदंश स्थल को साफ और खुला रखें:-घाव को साफ और खुला रखें ताकि हवा लग सके।

ढीली पट्टी बांध सकते हैंलेकिन रक्तप्रवाह को बंद न करें।

सांप की पहचान करने की कोशिश करें- यदि संभव होतो सांप की पहचान करने की कोशिश करें।सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करेंबस उसके रंगआकारऔर अन्य विशेषताओं को याद रखें।

क्या न करें:घाव को काटे या चूसें नहीं:- सर्पदंश स्थल को काटने या चूसने की कोशिश न करें। यह विष को हटाने में मदद नहीं करता और संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकता है।

आइस पैक न लगाएं:-सर्पदंश स्थल पर आइस पैक न लगाएं। यह विष के फैलाव को नहीं रोकता और ऊतक क्षति का कारण बन सकता है।साबुन और पानी से साफ न करें ।

अल्कोहल या कैफीन का सेवन न करें:अल्कोहल या कैफीन का सेवन न करेंक्योंकि यह विष के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

घाव को धोने की कोशिश न करें:घाव को साबुन या अन्य रसायनों से धोने की कोशिश न करें। यह विष केफैलाव को बढ़ा सकता है।स्वयं से किसी भी प्रकार की दवाई मरीज को न दें।पीड़ित व्यक्ति के सर्पदंश वाले भाग पर किसी भी प्रकार का मलहम न लगायें।सपेरे अथवा तांत्रिक के चक्कर में न पड़े।नजदीकी अस्पताल तक जल्दी से पहुंचे ।

अतिरिक्त सावधानियाँ:पहले से तैयार रहें: यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या काम करते हैं जहां सर्पदंश काखतरा अधिक हैतो प्राथमिक चिकित्सा किट में सर्पदंश के लिए आवश्यक सामग्री रखें।

सांप से बचावः सांप के रहने वाले स्थानों से दूर रहें और सावधानी बरतें।

जागरूकता और शिक्षाः अपने परिवार और समुदाय को सर्पदंश के खतरे और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूक करें। सापों के पहचान के बारे में लोगों को जागरुक करें।