सतना /मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजनान्तर्गत शुक्रवार को पटेल मैरिज गार्डन मैहर में मोटा अनाज (श्रीअन्न) अधारित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकासखण्ड मैहर, अमरपाटन, रामनगर एवं उचेहरा के लगभग 500 कृषकों को प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, सभापित कृषि स्थायी समिति मैहर दीपक सिंह बघेल, जिलाध्यक्ष कमलेश सुहाने, सदस्य जिला पंचायत देवदत्त सोनी, उप सचांलक कृषि मनोज कश्यप, परियोजना संचालक आत्मा राजेश कुमार त्रिपाठी, सहायक संचालक आरएस बागरी सहित पशु चिकित्सा सेवाएं एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास उपस्थित रहे। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी द्वारा कृषकों को पशुपालन विभाग में संचालित योजनाओं के संबंध में तकनीकी जानकारी एवं उद्यान विभाग के अधिकारी द्वारा विभिन्न प्रोसेसिंग युनिट लगाने की जानकारी दी गई। परियोजना संचालक आत्मा द्वारा कृषकों को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में बताया गया। उप संचालक कृषि द्वारा मिलेट्स के महत्व को समझाते हुये मिलेट्स की खेती करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया गया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिलेट मिशन योजना के संबंध में विस्तृत तकनीकी जानकारी दी गई। कृषकों द्वारा कृषि से संबंधित विभिन्न समस्याओं के संबंध में प्रश्न किये गये जिनका निराकरण कृषि अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों द्वारा किया गया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशानुसार पौष्टिक एवं कम लागत की फसलों की खेती करने के लिये मोटा अनाज को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सभी कृषक इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर मोटा अनाज की खेती करने में दिशा में आगें बढ़ेंगे। उन्होने कृषकों को विभाग से सतत सम्पर्क में रहते हुये विभिन्न विभागीय योजनाओं का लाभ लेने की सलाह दी। आत्मा परियोजना अंतर्गत 1 कृषक को पशुपालन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये जिला स्तरीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार एवं उद्यानिकी, कृषि, पशुपालन एवं कृषि अभियांत्रिकी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 4 कृषकों को विकासखण्ड स्तरीय पुरस्कार के रूप में 10-10 हजार रुपये का पुरस्कार अतिथियों द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती एवं मोटा अनाज की उन्नत खेती करने वाले 20 कृषकों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां डॉ वेद प्रकाश सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ बीपी चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे।