सीहोर l  फसल गिरदावरी का कार्य वर्ष में 03 बार (मौसम खरीफ/रबी/जायद) में सारा एप के माध्यम से संपन्न किया जाता है। जिसका उपयोग उपार्जन, फसल बीमा योजनाओं में सतत् रूप से किया जा रहा है। फसल गिरदावरी कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है, जो प्रत्येक मौसम के लिए लगभग 45 दिवस की कार्यवाही है जिसमें जियो फेंस तकनीक के माध्यम से खेत मे बोई गई फसल का फोटो खींचकर फसल सर्वेक्षण का कार्य नियत अंतराम में पूर्ण किया जाएगा। इस आशय के आदेश आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश द्वारा जारी किये गये है।

एमपी किसान एप के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे

      एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के उपरांत मोबाईल ओटीपी के माध्यम से लॉगिन किया जा सकता है।एमपी किसान एप के माध्यम से फसल स्व-घोषणा की जानकारी जियो फेंस तकनीक के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर दर्ज की जा सकेगी एवं पूर्व से दर्ज फसल के विरूद्ध दावा/आपत्ति की जानकारी भी एमपी किसान एप के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।

स्थानीय युवा (सर्वेयर) पंजीयन एवं प्रशिक्षण

      संबंधित पटवारी द्वारा आवंटित ग्राम के लिए एक या एक से अधिक स्थानीय युवा (आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष) का पंजीयन MPBHULEKH पोर्टल पर डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य कराया जाएगा जो 8वी कक्षा उत्तीर्ण हो एवं उसके पास मोबाईल फोन (Android वर्जन 6+) मय इंटरनेट सुविधा उपलब्ध हो। कार्य संबंधित ग्राम के स्थानीय युवा, ग्राम में स्थानीय युवा न होने पर ग्राम पंचायत में निवासरत स्थानीय युवा, ग्राम पंचायत के स्थानीय युवा न होने पर निकटतम ग्राम पंचायत में निवासरत स्थानीय युवा का पंजीयन कराया जाएगा। स्थानीय युवा के चयन के लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। स्थानीय युवा को प्रशिक्षण देने का कार्य संबंधित राजस्व निरीक्षक एवं तहसील स्तर मास्टर ट्रेनर द्वाराकिया जायेगा। संबंधित पटवारी द्वारा भी सर्वेयर को गिरदावरी के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान कर डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

पोर्टल पर पंजीयन, ग्राम आवंटन एवं सत्यापन-

      डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के तहत स्थानीय युवा को सर्वेयर एवं पटवारी को सुपरवाईजर रोल के तहत नियत कार्यवाही पूर्ण करना होगी।सर्वेयर का पंजीयन एवं ग्राम आवंटन का कार्य MPBHULEKH पोर्टल पर किया जाएगा, पंजीयन एवं ग्राम आवंटन का अनुमोदन पटवारी द्वारा MPBHULEKH पोर्टल पर पूर्ण होने के उपरांत सर्वेयर, सारा एप में ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर सकेगा। सर्वेयर लॉगिन करने के उपरांत आवंटित ग्राम/सर्वे नंबर का डाटा डाउनलोड कर सर्वेक्षण का डाटा पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से खेत में प्रत्येक फसल का फोटो लेकर अपलोड कर सकेगा। फसल के अतिरिक्त जानकारी अद्यतन करने के लिए जियो फेंस एवं फोटो लेना अनिवार्य नहीं होगा।रिक्त भूमि दर्ज करने की स्थिति में वर्तमान भूमि उपयोग (कृषि, अकृषि, अन्य उपयोग) की जानकरी रकवा सहित दर्ज की जाएगी।ग्राम में एक से अधिक सर्वेयर होने पर कार्य विभाजन पटवारी द्वारा समन्वय कर किया जाएगा एवं ध्यान रखा जावेगा कि 1000 सर्वे नंबर की अधिकतम् सीमा अनुसार सर्वेयर को सर्वे नंबर आवंटित किए जायें।प्राप्त इनपुट डाटा (किसान गिरदावरी/सैटेलाईट इमेज अनुसार संभावित फसल जानकारी/फोटो एनालिसिस आदि) अनुसार फसल विसंगति की जानकारी प्राप्त की जाएगी।स्थानीय युवा द्वारा भरी गई जानकारी एवं इनपुट डाटा में प्राप्त जानकारी (फसल का नाम, बोया गया रकवा एवं सिचाई स्थिति) समान होने पर सुपरवाईजर का अनुमोदन आवश्यक नहीं हो, यह सिस्टम द्वारा अनुमोदित होगी।सर्वेयर द्वारा डाटा अपलोड करने के बाद विसंगति डाटा सुपरवाईजर (पटवारी) कोसारा एप/पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिसमें पटवारी खसरे में उपलब्ध फसल एवं फोटो का अवलोकन कर जानकारी को अनुमोदित कर सकेगा। 

डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के तहत डाटा सर्वेयर को सारा एप में उपलब्ध होगा, जिसकी जानकारी सर्वेयर द्वारा पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से खेत मेंप्रत्येक फसल का फोटो लेकर अपलोड की जायेगी।सर्वेयर सुपरवाईजर द्वारा सारा एप/पोर्टल के माध्यम से किया जाकर अनुमोदित किया जा सकेगा परंतु सुपरवाईजर द्वारा द्वितीय समय पर जानकारी को पुनः परीक्षण के लिए नहीं भेजा जा सकेगा एवं आवश्यक होने पर सुपरवाईजर द्वारा पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से जानकारी अद्यतन करना होगी।सर्वेयर उपलब्ध न होने अथवा सर्वेयर के कार्य न करने पर डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य पटवारी द्वारा सारा एप के माध्यम से स्वयं किया जाएगा (पटवारी द्वारा दर्ज फसल गिरदावरी की जानकारी सुपरवाईजर हेतु स्वतः अनुमोदित होगी)। विसंगति डाटा में से 01 प्रतिशत डाटा का सत्यापन पटवारी द्वारा स्वयं खेत में जाकर पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से किया जाएगा।फसल सर्वे की जानकारी के अनुमोदन उपरांत केवल विसंगति डाटा में से चयनित प्रत्येक ग्राम के 01 प्रतिशत सर्वे नंबर की जानकारी का सत्यापन संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार (वैरीफायर) द्वारा सारा एप/पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। आवश्यक होने पर जानकारी को पुनः परीक्षण हेतु सुपरवाईजर को कारण अंकित कर भेजा जा सकता है, जिसमें सुपरवाईजर द्वारा पुनः उक्त जानकारी को पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर अपलोड किया जाएगा।सुपरवाईजर से पुनः अद्यतन जानकारी प्राप्त होने पर वैरीफायर द्वारा उक्त जानकारी का अनुमोदन किया जाएगा, परंतु द्वितीय समय पुनः परीक्षण हेतु नहीं भेजा जा सकेगा। आवश्यक होने पर स्वयं सारा एप के माध्यम से वैरीफायर द्वारा जियो फेंस तकनीक से क्रॉप सर्वे की जानकारी अद्यतन की जाएगी।

जाँचकर्ता अधिकारी की नियुक्ति एवं जॉच की प्रक्रिया

      सुपरवाईजर द्वारा अनुमोदित जानकारी की जांच हेतु प्रत्येक वर्ष / मौसम हेतु 20 प्रतिशत ग्रामों का चयन सिस्टम द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष/मौसम हेतु गामों का चयन करते हुए आगामी 05 वर्ष में शत-प्रतिशत ग्रामों का जांच कार्य पूर्ण किया जाएगा। जांच कार्य हेतु तहसीलदार/नायब तहसीलदार को छोडकर राजस्व/अन्य विभाग (कृषि, उद्यानिकी आदि) के अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा स्वविवेक से नियुक्त किया जाएगा।जांचकर्ता यूजर की जानकारी को सारा पोर्टल के माध्यम से अद्यतन किया जाएगा, जिन्हें ग्राम आवंटन का कार्य सारा पोर्टल पर SLR लॉगिन के माध्यम से कियाजाएगा।आवंटित ग्राम में 01 प्रतिशत या ग्राम के कम से कम 10 निजी सर्वे नंबर (यथासंभव विसंगति डाटा में से चयनित) जो अधिक हो, सिस्टम द्वारा आवंटित किए जायेंगे।जांचकर्ता द्वारा सारा एप में लॉगिन करने के उपरांत आवंटित ग्राम/सर्वे नंबर की जांच की जाएगी, सहमत होने पर फसल का फोटो खींचकर जानकारी अपलोड की जाएगी एवं असहमत होने पर जियो फेंस के माध्यम से फसल के फोटो सहित जानकारी अपलोड की जाएगी।जांचकर्ता द्वारा अपलोड की गई जानकारी सारा पोर्टल पर संबंधित तहसीलदार / नायब तहसीलदार के लॉगिन में उपलब्ध होगी।

      इसी कार्यवाही के तहतसुपरवाईजर द्वारा जानकारी अनुमोदन करने पर खेत में फसल की जानकारी का अवलोकन एमपी किसान एप के माध्यम से किसान द्वारा किया जा सकेगा एवं असहमति की दशा में अद्यतन जानकारी पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से फसल के फोटो सहित दावा/आपत्ति निराकरण हेतु अपलोड की जाएगी।एमपी किसान एप के माध्यम से प्राप्त दावा/आपत्ति का निराकरण संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा आवश्यक जांच उपरांत किया जाएगा।नियत तिथि उपरांत डाटा को लॉक कर दिया जाएगा, जिसके उपरांत संशोधन नहीं किया जा सकेगा।