विदिशा कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टर चेंबर में जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि एवं संबंद्ध विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

    म.प्र. राज्य फसल विविधिकरण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विदिशा जिले में इस वर्ष परम्परागत फसलों जैसे- गेहूंचना एवं मसूर के स्थान पर अवश्गंधामटरधनिया एवं जैविक चना की खेती किये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं कि किस प्रकार कृषकों का जोखिम कम हो तथा लाभ अधिक हो। इसी कडी में विभिन्न संस्थाओं को विविधिकरण किये जाने हेतु विभाग द्वारा दायित्व सौंपे गये हैं। ये संस्थायें कृषि विभाग के मार्गदर्शन एवं सहयोग से किसानों के क्लस्टर बना कर नई फसलों का उत्पादनविपणनप्रोसेसिंगब्रांडिंग आदि करके कृषकों को आत्म निर्भर बनायेगें जिससे नई फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा।

   कलेक्टर चेंबर में आयोजित इस बैठक में संस्था आईटीसी के प्रतिनिधि डॉ. नागेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिले के विकासखण्ड विदिशाग्यारसपुरकुरवाई एवं नटेरन क्षेत्र में 850 एकड़ क्षेत्र में अश्वगंधा की खेती की जा रही है। संस्था एईजी के प्रतिनिधि श्री अभिषेक गुप्ता ने बताया कि 200 एकड़ क्षेत्र में अवश्गंधा की खेती की जा रही है। संस्था भूमिशा आर्गेनिक्स की प्रतिनिधि श्रीमति प्रतिभा तिवारी ने बताया कि लटेरी क्षेत्र में 150 एकड़ में जैविक चना का उत्पादन एवं ब्राडिंग का कार्य किया जा रहा है। संस्था फोरलीफ क्लोवर के प्रतिनिधि श्री सुशील यादव ने बताया कि विकासखण्ड विदिशा एवं ग्यारसपुर में धनिया 40 एकड़ एवं सब्जी मटर 41 एकड़ में खेती की जा रही है। जिसको अगले 5 साल में बढाकर 5000 एकड़ किया जाएगा।

    इस प्रकार इस वर्ष नई फसलों का क्षेत्र लगभग 1200 एकड़ होगा जो कि आने वाले 5 वर्षो में 20000 एकड़ होने की संभावना है। जिससे जिले के किसानों को सीधा लाभ तथा जोखिम भी कम उठाना पड़ेगा।