बालाघाट l जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सम्राट सिंह सरस्वार द्वारा राणा हनुमान सिंह के कार्यों को उनके जयंती के अवसर पर कृषि के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों को स्मरण किया गया। जिले में कोदो, कुटकी, रागी का क्षेत्र बढ़ाया जाना पर जोर दिया एवं राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किसानों को निरंतर मौसम की जानकारी मिलने से जिले के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री अशोक सिंह सरस्वार ने कृषकों से कहा कि अधिक से अधिक किसान कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के सम्पर्क में रहते हुए खेती में सुधार करें। कार्यक्रम में पूर्व विधायक लांजी-किरनापुर सुश्री हिना लिखीराम कावरे द्वारा विधायक रहते हुये अपने अमेरिका दौरा के समय वहां के खेती के नये-नये आयामों के बारे में किसानों को बताया एवं राणा हनुमान सिंह के कार्यों को स्मरण किया।राणा हनुमान सिंह जयंती के अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र बालाघाट में किसान संगोष्ठी, मानव स्वास्थ्य एवं पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आरएल राऊत के मार्गदर्शन एवं जिपं अध्यक्ष श्री सम्राट सरस्वार की अध्‍यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. रमेश अमूले के द्वारा केन्द्र में किए जा रहे कार्यों की प्रगति प्रस्तुति की साथ ही उपस्थित कृषकों को कम लागत में अधिक उत्पादन की तकनीकी अपनाने के लिये प्रेरित किया गया। साथ ही प्राकृतिक खेती के लाभ बताये तथा जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी, नीमास्त्र आदि बनाने की विधि किसानों को जानकारी दी एवं डॉ. अमूले द्वारा प्रक्षेत्र में प्रजनक बीज उत्पादन 10 हेक्टेयर में लगी धान फसल की किस्मों से कृषको को अवगत कराया गया। साथ ही केन्द्र में प्रजनक बीज उन्नत किस्म जे.आर. 81, जे.आर. 10, जे.आर. 206 एवं स्वर्णा सब-1 आगामी समय में जिले के किसानों को बीज उपलब्ध हो सकेंगा। 

कार्यक्रम में उपसंचालक पशुपालन विभाग बालाघाट डॉ. प्रदीप अतुलकर द्वारा पशु विभाग की चलित पशु चिकित्सा इकाई तथा टोल फ्री नम्बर 1962, बकरी पालन एवं कृत्रिम गर्भाधान के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय बालाघाट के सहायक प्राध्यापक डॉ. उत्तम बिसेन ने उपस्थित कृषकों को सलाह दी कि खरीफ में धान की फसल में चूहों से बचाव के बारे में जानकारी दी एवं गर्मी की धान के स्थान पर रबी में गेहूं, चना, अलसी आदि की खेती तथा गर्मी में मूंग-उड़द की खेती करें जिससे फसल चक्र के साथ-साथ रोग एवं कीट का प्रकोप कम होगा तथा भूमि की उर्वराशक्ति बनी रहेगी। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय बालाघाट के डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने धान फसल में पोषक तत्व, खरपतवार रोग, कीट के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय बालाघाट के डॉ. शरद बिसेन ने दलहनी फसलों विशेषकर अरहर, चना एवं धान की उत्पादन तकनीक की जानकारी दी। कार्यक्रम में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक के मार्गदर्शन में श्री विकास चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री कौषल विकास योजना एवं श्री हिमांषु टेम्भरे द्वारा विभागीय योजना के बारे में कृषकों को जानकारी दी।