कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को जैविक खेती और फसल सुरक्षा पर दिया प्रशिक्षण

देवास l कृषि विज्ञान केंद्र में जनरल मिल्स इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के सामाजिक उत्तरदायित्व अन्तर्गत बाएफ लाइव्लीहुड्स द्वारा पटाडी क्षेत्र के 10 ग्रामों में पुनर्योजी कृषि पर आधारित संचालित किये जा रहे प्रोजेक्ट मालवधरा के चयनित किसानों को पुनर्योजी कृषि अन्तर्गत जैविक खेती की पद्धति एवं फसल सुरक्षा और पोषक तत्व प्रबन्धन पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र वैज्ञानिकों ने बताया कि जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाना और कीटों एवं बीमारियों से फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आधुनिक कृषि के महत्वपूर्ण पहलुओं में से हैं। जैविक पद्धतियों का उपयोग करके न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहकर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही उन्हें यह भी जानकारी दी गई कि पुनर्योजी कृषि की आधुनिक तकनीकों के साथ केवीके से समय-समय पर आवश्यक तकनीकी सहयोग प्राप्त कर सकते हैं, जिससे खेती की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। किसानों को केवीके केम्पस का भ्रमण कराकर कृषि वैज्ञानिको द्वारा वृमी कम्पोष्ट, नीमास्त्र, जीवामृत, दशपर्णी अर्क आदि तैयार करने की विधि, ट्रेलिस विधि से सब्जी की खेती तथा उन्नत पशुपालन इकाई की विस्तृत जानकारी दी गयी।
उपस्थित किसानों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से हम सब किसान भाईयो को न केवल कृषि की नई तकनीकों को सीखने का मौका मिला अपितु फसलों की उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने की भी सिख मिली। प्रशिक्षण का समन्वयक प्रोजेक्ट मालवधरा के परियोजना अधिकारी विनय पाटीदार तथा सुजीत क्षीरसागर द्वारा किया गया।