कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव के प्रक्षेत्र में किसानों ने किया भ्रमण

बालाघाट l कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव में सोमवार को किरनापुर एवं लांजी के कृषकों द्वारा केन्द्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया। इस दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं प्रक्षेत्र प्रभारी डॉ. रमेश अमूले द्वारा कृषकों को प्रक्षेत्र में प्रजनक बीज उत्पादन में लगी धान की फसल जे.आर. 81, जे.आर. 10, जे.आर. 206 एवं स्वर्णा सब-1 की किस्मों के बारे में बताया गया। जे.आर.81, जे.आर.10, जे.आर.206 (पकने की अवधि 120-122 दिन, दाना मध्यम मोटा, सूखा सहनशील किस्म, औसत उत्पादन 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर, कीड़े एवं बीमारियों के प्रति मध्यम सहनशील, एम.टी.यू. 1010 की अपेक्षा 15 प्रतिषत अधिक उत्पादन क्षमता) एवं स्वर्णा सब-1 (उत्पादकता क्षमता 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ हैं। पकने की अवधि 140-145 दिन, दाना मध्यम लंबा, मध्यम बौनी किस्म, बाड़ प्रभावित क्षेत्रों हेतु उपयुक्त किस्म (लगभग 14 दिनों तक), औसत उत्पादन 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर, कीड़े एवं बीमारियों के प्रति सहनशील किस्म) के बारे में बताया। भ्रमण के दौरान डॉ. अमूले द्वारा धान की फसल में लगने वाले रोग ब्लास्ट, लाई, जीवाणु, झुलसा, शीत ब्लाइट, खैरा रोग एवं कीट तना छेदक, माहॅू, सांवरदेही, पेनिकल माइट, पत्ती मोड़क इत्यादि रोग एवं कीट की पहचान एवं रोकथाम के उपाय बताए गये। साथ ही धान उत्पादन में पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में बताया गया एवं कृषकों को प्रजनक बीज की किस्म आने वाले समय में जिले के कृषकों को केन्द्र से उपलब्ध कराया जा सकेंगा। भ्रमण के दौरान केन्द्र के धर्मेन्द्र आगासे, मौसम वैज्ञानिक एवं जितेन्द्र नगपुरे, एग्रोमेट आर्ब्जवर उपस्थित रहें।