आजादी की लड़ाई में गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है - मंत्री श्रीमती संपतिया उइके

मंडला l लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों ने 1857 स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में आजादी के लिए अंग्रेज सरकार से कड़ा संघर्ष किया था। अंग्रेज सरकार के द्वारा इन क्रांतिवीरों को बड़ चौराहा मंडला में फांसी पर चढ़ाया गया। जिससे इन क्रांतिवीरों की आजादी की चिंगारी को दबाया जा सके। इसके बावजूद भी गढ़ मंडला के क्रांतिवीर अंग्रेजों से अंतिम सांस तक युद्ध करते रहे। उन्होंने कहा कि इन क्रांतिवीरों को स्मरण करते हुए लालीपुर चौराहा से बस स्टेंड, चिलमन चौक से बड़ चौराहा तक मशाल यात्रा निकाली गई है। जिससे गढ़ मंडला में शहीद हुए क्रांतिवीरों को श्रद्धांजली दी जा सके। इस मशाल यात्रा में जिले के जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी, पत्रकार सहित नागरिकगण शामिल हुए हैं। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके रविवार को बड़ चौराहा मंडला में स्वाधीनता संग्राम 1857 गढ़ मंडला के क्रांतिवीर पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष श्री भीष्म द्विवेदी, सांसद प्रतिनिधि श्री जयदत्त झा, प्रफुल्ल मिश्रा, नगर अध्यक्ष नितिन चौरसिया, पुलिस अधीक्षक श्री रजत सकलेचा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री श्रेयांश कूमट, एसडीएम मंडला श्रीमती सोनल सिडाम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी, पत्रकारगण और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने स्वतंत्रता संग्राम 1857 गढ़ मंडला के क्रांतिवीर पुण्य तिथि के अवसर पर बड़ चौराहा में क्रांतिवीरों के लिए दीप जलाए। उनकी वीरगाथाओं को स्मरण करते हुए 2 मिनट का मौन धारण किया गया। उनकी स्मृति में स्थानीय कलाकारों के द्वारा देशभक्ति के गीत गाए गए। भारत माता की जय, शहीद क्रांतिवीर अमर रहे और वंदे मातरम के नारे लगाए गए। इस अवसर पर बड़ चौराहा में शहीद क्रांतिवीरों को स्मरण करते हुए दीप प्रज्वलित व मौन धारण कर श्रद्धांजली दी गई है। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों ने हमेशा आजादी के लिए लड़ाईयाँ लड़ी हैं। उन्होंने बताया कि रानी मां दुर्गावती ने मुगलों के साथ युद्ध किया। राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथशाह, रानी अवंती बाई और रानी फूलकुंवर बाई ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाईयां लड़ी हैं। उनकी वीरगाथाओं को आने वाली पीढ़ी हमेशा स्मरण करेगी।
मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम 1857 की लड़ाई में गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अंग्रेज सरकार ने गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों को बड़ के पेड़ में फांसी पर चढ़ाया। जिससे आजादी की इस लड़ाई को समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी गढ़ मंडला के क्रांतिवीर आजादी की लड़ाई के लिए अंग्रेजों से लड़ते रहे और वीर गति को प्राप्त होते रहे। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि इस बड़ के पेड़ को जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग के माध्यम से संरक्षित किया जाए। उन्होंने इस स्थान को सुरक्षित रखने के लिए एक चबूतरा का निर्माण करने को कहा। इन क्रांतिवीरों की वीरगाथाओं को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने को कहा, जिससे 1857 की लड़ाई में भागीदारी करने वाले क्रांतिवीरों के बारे में आने वाली भावी पीढ़ी को जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों की इस वीरगाथा को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है, जो कि गढ़ मंडला के क्रांतिवीरों की सजीवता को प्रदर्शित करता है।