जबलपुर l राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत जिले मे स्टीविया (मीठी तुलसी) की खेती को बढावा दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिले में 110 एकड़ क्षेत्र जिसमें विकासखण्ड मझौली में 25 एकड में स्टीविया की खेती की जा रही है इस योजनान्तर्गत प्रति किसान को बीज वितरण अनुदान में 10 हजार की राशि कृषि विभाग के माध्यम से कृषको को प्रदाय किया जाता है। ग्राम खुड़ावल मे निरीक्षण करने पहुंचे सहायक संचालक कृषि श्री रवि कुमार आम्रवंशी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जेएस राठौर ने किसान श्री खुशी लाल बर्मन और बैसाखु लाल के एक एकड़ में लगे स्टीविया का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होने कृषको को स्टीविया की खेती की संपूर्ण जानकारी दी एवं बताया कि फूलों के आने पर स्टीविया की पत्तियों से प्राप्त होने वाला उपयोगी पदार्थ स्टीवियोसाइड की मात्रा व गुणवत्ता में कमी आने लगती है, इसलिए फूल आते ही उन्हें तोड़ देना चाहिए। पत्तियों की तुड़ाई वर्ष में तीन से चार बार तक कर सकते है। पत्तियों को सुखाकर पाउडर बना कर उपयोग किया जाता है। निरीक्षण के दौरान कृषि अधिकारियों ने स्‍टीविया के औषधीय उपयोग के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि स्टीविया की पत्तियों मे स्टीवियोसाइड तथा रिबोडिओसाइड नामक तत्व पाये जाते है। इसकी पत्तियों शक्कर से 200-300 गुना मीठी होती है और कैलोरी नगण्य होती है। इसे मीठे सुंगधित पेय, डेयरी आधारित मिठाई, जैम-जैली, टॉनिक एंव औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें विषाणुरोधी, रोगाणुरोधी, प्रतिउपाचयक, उच्च रक्तचापरोधी, मधुमेहरोधी आदि गुण भी पाए जातें है। श्री आम्रवंशी ने कहा कि किसान द्वारा उन्नत तरीके से की गई फसल का उत्पादन प्रथम वर्ष लगभग 8 क्विटल एवं लगातार बढते हुए 4 वर्षों तक 11 क्विटल प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त होता है। निरीक्षण के दौरान कृषि विस्तार अधिकारी विनिशा तनेजा, जया पालीवाल, रूपाली पटेल एवं कृषक खुशीलाल बर्मन उपस्थित रहे।