सीहोर l अभी चने की फसल कहीं 25-30 दिनकहीं 40-50 दिन की हो रही है। लगातार अत्यधिक ठंडकोहरा के कारण चने की इल्ली सहित मसूरप्याज-लहसुन में रस चूसक कीटों का प्रकोप है।कृषि वैज्ञानिक के अनुसार निगरानी यौन आकर्षण जाल (सेक्स फेरोमेन ट्रेप) का प्रयोग कीट का प्रकोप बढ़ने से पहले चेतावनी के रूप में करते हैं जब नर कीटों की संख्या प्रति रात्रि प्रति ट्रैप में 4-5 तक पहुंचने लगे तो समझ लें कि कीट नियंत्रण जरूरी है। जब खेत में 1-1.5 इल्ली एक मीटर लम्बी कतार में या प्रति 10 पौधों में मिलने लगे तो तुरंत फसल सुरक्षा करें।

      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार सस्य क्रियाओं द्वारा नियंत्रण प्रति वर्ष ग्रीष्मकालीन सामान्य जुताई एवं हर तीसरे वर्ष गहरी जुताई करें। चने की बुवाई समय पर करें व चने के साथ अन्तवर्तीय फसल में अलसीसरसों व धनिया लगाएं। फसल में सिंचाई व रासायनिक खाद का उपयोग संतुलित मात्रा में करें। बुवाई के समय पोटाश खाद 20-25 किग्रा प्रति हैक्टेयर प्रयोग करें।यांत्रिक विधि. कई प्रकार के कीटभक्षी पक्षियों (मैनागौरैयाकौआकाली मोर) का प्रमुख भोजन इल्लियां होती हैं। ये पक्षी निरंतर फसलों से इल्ली खाते हैं। अतः खेत में इन पक्षियों के बैठने के लिए 'T' आकार की खूंटी 40-50 प्रति हेक्टेयर की दर से लगाएं। चने की इल्ली नियंत्रण के लिए फेरोमेन ट्रैप 12-15 प्रति हैक्टेयर लगाएं।

      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जैविक नियंत्रण नीम की निंबोली के सत का घोल चने की इल्ली नियंत्रण के लिए प्रभावी पाया गया है। विषाणु आधारित न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस (एनपीवी) 250 एलई प्रति हैक्टेयरफफूंद (फंगस) आधारित ब्युबेरिया वैसियाना 1 किग्रा प्रति हैक्टेयरजीवाणु (बैक्टीरिया) आधारित बैसिलस थूरूजिएन्सिस (बीटी) नामक बैक्टीरिया 1 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें।रासायनिक नियंत्रण.. कीटों की संख्या आर्थिक हानि स्तर से अधिक होने पर उपयुक्त कीटनाशकों का उपयोग कर रासायनिक कीट नियंत्रण करें। चने की छोटी इल्ली के लिए क्लोरपाइरीफोस 50 ईसी 1.5 लीटर या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़कें। बड़ी इल्ली के लिए इनडोक्साकार्ब 15.8 ईसी 335 ग्राम या इमामेक्टिन बेंजोएट 5 जी 200 ग्राम या क्लोरेंट्रानिलीप्रोल 18.5 एससी मात्रा 150 मिली प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़कें।