टिकाऊ खेती - प्रकृति, मृदा और मानव स्वास्थ्य के लिए वरदान है

छिंदवाड़ा। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में WRI इंडिया, फूड एंड लेंड यूज कमीषन एवं समुन्नति संस्था के माध्यम से मध्यप्रदेष में सतत कृषि कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देष्य से एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला में कलेक्टर महोदय द्वारा टिकाऊ खेती प्रकृति, मृदा एवं मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है, की जानकारी दी गई एवं जिले के समस्त कृषकों से अपील की गई है कि टिकाऊ खेती को अपनाये। कलेक्टर महोदय ने कहा कि छिंदवाडा जिले के किसान अत्यंत नवाचारी किसान है एवं किसी भी नई तकनीक को बहुत जल्दी अपनाते है, छिंदवाडा जिले के किसान टिकाऊ खेती को अपना कर जहर मुक्त उत्पाद उगायेगे ताकि आने वाली पीढी के लिए स्वस्थ पर्यावरण, स्वस्थ मिटटी उपलब्ध हो सके। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाडा श्री अग्रिम कुमार द्वारा टिकाऊ खेती वर्तमान की आवष्यकता बताते हुए कहा कि WRI एवं समुन्नति प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए उचित मार्केट उपलब्ध कराकर किसानों को लाभांवित कराये।
WRI इंडिया संस्था प्रतिनिधि डॉ. सीमा यादव द्वारा पावर पाइंट प्रोजेंटेषन द्वारा योजना की विस्तृत जानकारी दी गई एवं बताया गया कि भारत के प्रतिष्ठित कृषि अनुसंधान संस्थान, उन्नत कृषकों द्वारा समन्वित खेती के लिए अपनाये गये सफल मॉडल के बारे मे कृषकों को जानकारी दी, जिससे कृषक उपरोक्त मॉडल का लाभ प्राप्त कर सकेगे। डॉ. षिवांगी WRI इंडिया द्वारा बताया गया कि सतत कृषि पद्धति के लिए बनाये गये उत्कृष्ठ मॉडल को मध्यप्रदेष के हरदा एवं छिंदवाडा जिले में सर्वप्रथम शुरूआत की गई हैं, जिससे किसानों को सतत कृषि पद्धति के बारे में तकनीकी जानकारी प्राप्त होगी। श्री श्रीधर समुन्नति संस्था प्रमुख द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, एफएस मॉडल एवं मार्केट लिंकेज के बारे में जानकारी दी गई, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित दाम प्राप्त हो सके।
श्री जितेन्द्र कुमार सिंह उप संचालक कृषि द्वारा सतत कृषि पद्धति के अंतर्गत जिले मे किये जा रहे प्रयास अंतरवर्तीय खेती, संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन, प्राकृतिक खेती के बारे मे जानकारी दी गई एवं फसल अवषेष प्रबंधन को टिकाऊ खेती के लिए अनिवार्य बताते हुए सलाह दी गई कि किसान भाई अपने खेत की नरवाई में आग न लगाये बल्कि उसका प्रबंधन सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर से करके उसे मिटटी मे मिलाये, खेती की लागत कम करके, मिटटी का स्वास्थ्य सुधारते हुए लाभ प्राप्त करे। कार्यक्रम में चार ग्रुप बनाकर ग्रुप डिस्कषन के करके सतत कृषि प्रणाली मे आ रही समस्या एवं सुझाव पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में डॉ. आर.सी. शर्मा सह संचालक आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव, छिंदवाडा द्वारा जिले के किसानों से अपील की गई कि किसान भाई मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुषंसा के आधार पर सतुलित उर्वरकों का उपयोग करे। कृषि क्षेत्र मे किये जा रहे नवाचार एवं भूमि में कार्बन की उपयोगिता के बारे मे तकनीकी जानकारी दी गई। डॉ. एच.जी.एस. पक्षवार उप संचालक पषु चिकित्सा सेवाये छिंदवाडा द्वारा कृषकों से अपील की गई कि प्राकृतिक खेती को बढावा देने हेतु किसानों को कम से कम 02 देषी गाय का पालन करना अनिवार्य है एवं उसकी उपयोगिता के बारे मे जानकारी दी गई। साथ ही सइलेज यूनिट स्थापित करने की सलाह दी गई। प्रगतिषील किसान श्री मेरसिंह चौधरी द्वारा टिकाऊ खेती को प्रकृति पर्यावरण, मृदा स्वास्थ्य के लिए आवष्यक बताते हुए किसानों से अनुरोध किया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती को अपना कर अपने खाने के लिए जहर मुक्त उत्पाद प्राप्त करे।
उक्त कार्यक्रम में डॉ. डी.सी श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र चंदनगांव, डॉ. आर.सी. झाडे कृषि वैज्ञानिक, डॉ. गौरव महाजन कृषि वैज्ञानिक, सहायक संचालक कृषि श्री सचिन जैन, श्री नीलकंट पटवारी, श्री धीरज ठाकुर, श्रीमति प्राची कौतू, श्री दीपक चौरासिया, सहायक कृषि यंत्री श्री समीर पटेल, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, बीटीएम / एटीएम (आत्मा), एफपीओ / एनजीओ के प्रतिनिधि, प्रगतिषील किसान एवं WRI इंडिया श्री सुनील जैन, श्री रंजत पांडे आदि उपस्थित रहे।