भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुसार मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 01 फरवरी से 11 फरवरी 2025 तक "साइबर सेफ क्लिक इंटरनेट डे" के अंतर्गत एक राज्य व्यापी और प्रभावशाली अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का शुभारंभ 01 फरवरी को पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने किया था। इस 11 दिवसीय साइबर सुरक्षा जन जागरूकता अभियान 'सेफ क्लिक' को प्रदेशभर में जबरदस्त समर्थन मिला। इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल युग में नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाव के प्रति जागरूक करना और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग को बढ़ावा देना है।

इस अभियान में एक फरवरी से 11 फरवरी तक सुरक्षित क्लिक-सुरक्षित जीवन थीम पर सर्वव्‍यापी जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में संचलित किया गया। अभियान में नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिताएँ, जनसंवाद, साइबर सुरक्षा कार्यशालाएँ और जागरूकता रैलियाँ आयोजित की गई, जिनमें लाखों विद्यार्थियों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, किसानों एवं व्यापारियों को जागरूक किया गया। साइबर अपराध जैसे फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, सोशल मीडिया दुरुपयोग, बैंकिंग फ्रॉड और डिजिटल पेमेंट से जुड़े सुरक्षा उपायों पर भी विशेष जोर दिया गया।

      पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने अभियान को सफल एवं और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आम नागरिकों से इस अभियान में अधिकाधिक भाग लेने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए समाज के हर वर्ग को डिजिटल जागरूक रहने की आवश्यकता है।

साइबर सुरक्षा को लेकर नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने हेतु व्यापक जनजागृति अभियान चलाया गया, जिसमें आधुनिक प्रचार-प्रसार के संसाधनों का भरपूर उपयोग किया गया। इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर इसका प्रभावशाली प्रचार था।

फेसबुक, ट्विटर (X), इंस्टाग्राम, एफएम रेडियो और यूट्यूब जैसे प्रमुख डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए विशेष सामग्री पोस्ट की गई। इन पोस्ट्स में इन्फोग्राफिक्स, वीडियो, ऑडियो, लाइव सेशंस, साइबर सुरक्षा डॉक्यूमेंट्री, वेबिनार, लाइव सेमिनार, पॉडकास्ट और शॉर्ट फिल्मों को शामिल किया गया।

अभियान के तहत विशेष हैशटैग कैंपेन चलाया गया, जिसने लाखों डिजिटल उपभोक्ताओं तक पहुँच बनाई। इस प्रयास के माध्यम से युवाओं और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को साइबर खतरों से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई और उन्हें डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अभियान में रियल-टाइम अपडेट्स और इंटरएक्टिव सेशंस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेषज्ञों द्वारा लाइव वेबिनार आयोजित किए गए, जिसमें साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों और डिजिटल विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों से बचने के उपायों पर मार्गदर्शन दिया।

सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्रों के सहयोग से चलाए गए इस अभियान को व्यापक समर्थन मिला। आम नागरिकों ने भी सोशल मीडिया पोस्ट्स और शेयरिंग के माध्यम से इस पहल को आगे बढ़ाया, जिससे जागरूकता अभियान और अधिक प्रभावी बना।

इस अभियान के तहत सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों, साइबर विशेषज्ञों एवं सामाजिक संगठनों की सहभागिता से चित्रकला प्रतियोगिताएं, हैकाथॉन, नुक्कड़ नाटक, साइबर क्विज, साइबर मेले, जन संवाद सत्र कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बैंकों, आंगनवाड़ियों, स्कूलों, कॉलेजों, और ग्राम पंचायतों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। कन्या विवाह सम्मेलनों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई गई। भागवत कथाओं और धार्मिक आयोजनों में भी साइबर सुरक्षा का संदेश दिया गया। मदरसे में विशेष सत्र आयोजित कर विद्यार्थियों और शिक्षकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। इसी प्रकार जन जागरूकता हेतु देश में सर्वथा पहली बार पुलिस अधिकारियों द्वारा रचे गए सायबर दोहों के माध्यम से सायबर सुरक्षा हेतु जन जन तक क्या करें एवं क्या न करें की जानकारी दी गई साथ ही इंटरनेट सुरक्षा हेतु एक लघु फ़िल्म शोर बुलाए चोर का निर्माण कर आम जन को सतर्क रहने की सलाह दी गई ।

अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष रूप से लक्षित किया गया। किसानों और ग्रामीण व्यापारियों को साइबर धोखाधड़ी से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई, विशेष रूप से किसान क्रेडिट कार्ड, सरकारी योजनाओं एवं मंडियों में होने वाले ई-ट्रांजेक्शन से जुड़ी सावधानियॉं बरतने पर जोर दिया गया। पंचायत स्तर पर विशेष जागरूकता शिविरों एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, ताकि ग्रामीणों को डिजिटल सुरक्षा संबंधी बुनियादी जानकारी प्रदान की जा सके।

अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों के इं‍जीनियरिंग कॉलेजों में विशेष हैकाथॉन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। हैकाथॉन प्रतियोगिता में कॉलेज के स्टूडेंट के ग्रुप बनाकर इन छात्रों ने पुलिस द्वारा दिये गये अलग-अलग विषय पर तैयार किये गये प्रोजेक्ट को पुलिस की उपस्थित में साइबर एक्सपर्ट के समक्ष लाइव प्रदर्शन के माध्यम से प्रस्तुत किये। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे डिजिटल उपकरण या टूल्स विकसित करना है जो पुलिस की कार्यकुशलता को बढ़ाएं और अपराध का पता लगाने में सहायता करें। स्टूडेंट द्वारा तैयार किये गये हैकथॉन प्रतियोगिता के तीन अच्छे प्रोजेक्ट को स्टेट लेवल पर प्रस्तुत किया जाएगा।

अभियान का समापन प्रदेशभर में भव्य साइबर सुरक्षा मेलों के आयोजन के साथ किया गया, जिसमें नागरिकों, विशेषकर युवाओं को इंटरनेट सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। इन मेलों का आयोजन कॉलेज परिसरों, सार्वजनिक स्थलों या मेले के ग्राउंड में किया गया, जहाँ स्कूल-कॉलेज, व्यावसायिक संस्थान, बैंक, एनजीओ और अन्य संगठनों ने साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रयासों का प्रदर्शन किया। साइबर विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक साइबर अपराधों और उनसे बचाव के तरीकों पर व्याख्यान दिए गए, साथ ही पोस्टर प्रदर्शनी, लाइव डेमो सत्र, क्विज प्रतियोगिताएँ और थीम आधारित फन गेम्स का आयोजन भी किया, जिससे नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके।

समापन कार्यक्रम के तहत 'साइबर संकल्प' शपथ समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें नागरिकों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की शपथ दिलाई गई। इसके तहत लोगों को साइबर सुरक्षा नियमों का पालन करने, निजी जानकारी साझा करने में सतर्कता बरतने और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव हेतु जागरूक रहने की प्रतिज्ञा दिलाई गई। इस व्यापक अभियान के दौरान नागरिकों ने साइबर शपथ प्रमाण पत्र डाउनलोड कर यह संकल्प लिया कि वे डिजिटल दुनिया में सतर्क और सुरक्षित रहेंगे।