पीएम मोदी को नजरअंदाज करना, फ्रांस के राष्ट्रपति का अशिष्टाचार..?

दिव्य चिंतन (हरीश मिश्र)
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से गर्मजोशी से हाथ मिलाया।
वहीं, बगल में बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाथ बढ़ाया, लेकिन मैक्रों ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का यह रवैया कूटनीतिक शिष्टाचार के मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वह कूटनीतिक गरिमा बनाए रखे।
मैक्रों द्वारा अमेरिकी उपराष्ट्रपति से गर्मजोशी से हाथ मिलाना और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नजरअंदाज करना एक पूर्वनियोजित राजनीतिक संकेत की तरह दिखता है। यह पश्चिमी देशों के उन दोहरे मानकों को उजागर करता है, जिनमें वे अपने रणनीतिक साझेदारों को प्राथमिकता देते हैं और एशियाई या अफ्रीकी नेताओं के प्रति उपेक्षित व्यवहार रखते हैं।
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष वॉन डेर लेयन का मोदी जी से हाथ मिलाना यह दर्शाता है कि मैक्रों की अनदेखी को अन्य नेताओं ने भी नोटिस किया।
यदि फ्रांस खुद को एक वैश्विक शक्ति के रूप में देखता है और भारत जैसे उभरते हुए शक्ति केंद्रों के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है, तो उसके राष्ट्रपति को अपनी संकीर्णता से ऊपर उठकर व्यवहार करना होगा। भारत न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, बल्कि उसकी वैश्विक राजनीति में भूमिका भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री को नजरअंदाज करना कूटनीतिक रूप से विवेकपूर्ण नहीं कहा जा सकता।
यदि वे भारत और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं का सम्मान नहीं करेंगे, तो आने वाले समय में उन्हें भी वैसा ही व्यवहार झेलना पड़ सकता है। (नोट -ऐसा वीडियो अगर सही है तो यह निश्चित ही घोर आपत्ति जनक है l और अगर यह वीडियो सही नहीं है तो फिर गलत वीडियो चलाने वालो के खिलाफ ठोस कारवाई की जरुरत है ताकि भविष्य में ऐसा ना हो )
लेखक ( स्वतंत्र पत्रकार हैं )