भोपाल l संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा है कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट खजुराहो के एक हजार वर्ष प्राचीन मंदिरों की दिव्य आभा में 51वां खजुराहो नृत्य समारोह 20 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जायेगा। खजुराहो स्थित कंदरिया महादेव मंदिर एवं देवी जगदंबा मंदिर प्रांगण के मध्य में आयोजित होने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समागम की भव्यता वर्ष अपने उत्कर्ष पर होगी। समारोह में इस वर्ष कई नए आयाम तथा अनुषांगिक गतिविधियां शामिल की गई हैं। सभी प्रमुख भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍यों कथक, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी, ओडिसी आदि के साथ शास्‍त्रीय नृत्‍य मैराथन (रिले) प्रस्‍तुति की जा रही है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज करने का प्रयास किया जाएगा। 

राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि खजुराहो नृत्‍य समारोह के मंच को बहुत ही सम्‍मान और आदर के साथ देखा जाता है। यहां प्रस्‍तुति देना किसी भी नृत्‍य कलाकार के लिए गर्व की बात होती है। इसे ध्‍यान में रखते हुए 51वें खजुराहो नृत्‍य समारोह में होने वाली गतिविधियों को विस्‍तार एवं व्‍यापकता देने का प्रयास किया गया है। कला प्रेमी नृत्‍य के साथ ही अन्‍य कला माध्‍यमों का भी आनंद ले सकें। राज्य मंत्री श्री लोधी जनजातीय संग्रहालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव 51वें खजुराहो नृत्‍य समारोह का शुभारम्‍भ करेंगे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा। समारोह में नृत्‍य प्रस्‍तुतियां प्रतिदि‍न सायं 6:30 बजे से प्रारम्‍भ होंगी। 

अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी, भोपाल द्वारा भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, मध्‍यप्रदेश पर्यटन एवं छतरपुर जिला प्रशासन के सहयोग से किया जाता है। इस अवसर पर संचालक संस्कृति श्री एन.पी.नामदेव, निदेशक, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे उपस्थित रहे। 

वृहद शास्‍त्रीय नृत्‍य मैराथन (रिले) से बनेगा विश्व रिकॉर्ड

 सबसे लंबे वृहद शास्‍त्रीय नृत्‍य मैराथन (रिले) प्रस्तुति में निरन्‍तर 24 घंटे से भी अधिक नृत्‍य प्रस्‍तुतियां होंगी। यह गतिविधि आदिवर्त संग्रहालय, खजुराहो में होगी। गति‍विधि का शुभारम्‍भ 19 फरवरी, 2025 को दोपहर 2:00 बजे होगा जो निरन्‍तर 20 फरवरी, 2025 को सायं 5:00 बजे तक आयोजित की जाएगी। इसका नृत्‍य निर्देशन/संयोजन कथक नृत्‍यांगना तथा फिल्‍म अभिनेत्री श्रीमती प्राची शाह, मुम्‍बई एवं संगीत निर्देशन/संयोजन श्री कौशिक बसु, मुम्‍बई द्वारा किया जाएगा। प्रारंभिक रूप से 5-5 कलाकारों के 25 ग्रुप तैयार किये जायेंगे, जिसमें लगभग 125 कलाकार भाग लेंगे। विभागीय संगीत महाविद्यालय/विश्‍वविद्यालय एवं नृत्‍य के वरिष्‍ठ कलागुरुओं के साधनारत शिष्‍यों को प्रस्‍तुति के लिए अमांत्रित किया गया है। 

खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव

खजुराहो नृत्य समारोह जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन से स्‍थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग ने पहली बार ''खजुराहो बाल नृत्‍य महोत्‍सव'' का आयोजन किया जाएगा। इसमें मध्‍यप्रदेश के मूल निवासी 10 से 16 साल के युवा कलाकार एक पृथक मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे। आयोजन का उद्देश्य भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍य परम्‍परा को संरक्षित करना और युवा पीढ़ी को भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍यों के प्रति अभिरूचि को प्रोत्‍साहित करना है। ये प्रस्‍तुतियां खजुराहो नृत्‍य समारोह परिसर में स्थित पृथक मंच पर सायं 5 से 6 बजे तक होंगी। इस महोत्‍सव के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 310 नृत्‍य कलाकारों के आवेदन प्राप्‍त हुए थे। वरिष्‍ठ नृत्‍य गुरुओं की चयन समिति द्वारा 15 नृत्‍य कलाकारों को चयनित किया गया है। 

प्रणाम : वरिष्‍ठ भरतनाट्यम नृत्‍यांगना पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन एवं कला अवदान पर प्रदर्शनी एवं व्‍याख्‍यान

51वें खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष एक नई अनुषांगिक गतिविधि "प्रणाम" को जोड़ा गया है। इस गतिविधि के अंतर्गत सुविख्यात नृत्यांगना और पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान को अभिव्यक्त करते आयोजन होंगे। डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान पर प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं संवाद सह प्रदर्शन भी शामिल होंगे। इसमें उनकी प्रस्‍तुति के फोटो, किताबें, उनके द्वारा डिजाइन नृत्‍य परिधान एवं उन्‍हें प्राप्‍त अवार्ड शामिल होंगे। जैसा कि विदित है डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम भरतनाट्यम नृत्य की सुप्रसिद्ध कलाकार हैं। वह एक रिसर्च स्कॉलर, कोरियोग्राफर, म्यूजिक कंपोजर, गायिका, शिक्षिका, इंडोलॉजिस्ट और लेखिका भी हैं। वह भारत के साथ-साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। जापान, ऑस्ट्रेलिया और रूस जैसे देशों द्वारा उनके सम्मान में कई फिल्में और वृत्तचित्र बनाए गए हैं। हाल ही में वर्ष 2024 के पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा हुई है। वे खजुराहो नृत्य समारोह में पूर्व में प्रस्तुति दे चुकी हैं। व्‍याख्‍यान एवं संवाद हेतु डॉ. जयश्री राजगोपालन, सुश्री अनुराधा विक्रांत, सुश्री महती कन्‍नन, श्री अरविंद कुमारस्‍वामी, श्री पियाल भट्टाचार्य, डॉ. राजश्री वासुदेवन, श्री अर्जुन भारद्वाज एवं डॉ. सच्चिदानंद जोशी पधारेंगे।

पद्म पुरस्कार प्राप्त और एसएनए अवॉर्डी कलाकार देंगे नृत्य प्रस्तुतियां

खजुराहो नृत्य समारोह में प्रारंभ से ही नृत्य जगत के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी हैं। इस वर्ष भी यह परम्परा जारी रखते हुए पद्म पुरस्‍कार एवं संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड प्राप्‍त नृत्‍य कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इन नामों में कुचिपुड़ी की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मभूषण विदुषी राधा—राजा रेड्डी, मणिपुरी नृत्य कलाकार पद्मश्री दर्शना झवेरी, छाऊ नृत्य कलाकार पद्मश्री शशधर आचार्य, ओडिसी नृत्य कलाकार प्रवत कुमार स्वाइन, मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी भारती शिवाजी, कथक नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी शोभना नारायण, सत्रीय नृत्य कलाकार पद्मश्री गुरु जतिन गोस्वामी शामिल हैं। वहीं एसएनए अवॉर्डी में मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार सुश्री पल्लवी कृष्णनन, भरतनाट्यम नृत्य कलाकार डॉ.संध्या पुरेचा, कुचिपुड़ी नृत्य कलाकार सुश्री दीपिका रेड्डी, कथकली नृत्य कलाकार श्री सदानम के.हरिकुमार, कथक नृत्य कलाकार सुश्री 

सुश्री अदिति मंगलदास, मणिपुरी नृत्य कलाकार गुरु कलावती देवी—बिम्बावती देवी का नाम शामिल है। साथ ही फिल्म अभिनेत्री और भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री मीनाक्षी शेषाद्रि की एकल नृत्य प्रस्तुति भी होगी।

नाद : भारतीय लोक एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोगी वाद्यों की प्रदर्शनी

भारतीय लोक एवं नृत्य — संगीत में विभिन्न प्रकार के वाद्यों का प्रयोग किया जाता है। अलग—अलग अंचलों, क्षेत्रों और परंपराओं में विशेष वाद्यों का प्रयोग होता है, जिनकी बनावट, ध्वनि इत्यादि लोगों को आकर्षित करती है। संगीत प्रेमी वाद्ययंत्रों के बारे में जान सकें, उन्हें देख सकें इसी उद्देश्य के साथ खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष संस्कृति विभाग द्वारा संकलित 600 से अधिक वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी "नाद" भी लगाई जाएगी। इसमें भारतीय लोक, जनजातीय एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र सम्मिलित होंगे। कई वाद्य यंत्र दुर्लभ भी होंगे। 

चित्र कथन : नृत्‍योत्‍सव का सजीव चित्रांकन

51वें खजुराहो नृत्य समारोह में देहगति, भाव, मुद्राओं का सौंदर्य और भव्यता सिर्फ मंच पर ही नहीं, बल्कि कैनवास पर भी प्रदर्शित होगी। देश के ख्यातिलब्ध 10 चित्रकार खजुराहो नृत्य समारोह के मंच पर होने वाली नृत्‍य प्रस्तुतियों को रंग और कूची की सहायता से कैनवास पर सजीव चित्रण करेंगे। इन चित्रकारों में पद्मश्री श्रीमती शान्ति देवी, श्री राजेश श्याम, श्री एल. रजनीकांत सिंह, श्री कुडल महंत हीरेमठ, श्री किशन सोनी, डॉ सुनील विश्वकर्मा, श्री महेश कुमार कुमावत, श्री श्याम पुंडलिक कुमावत, श्री रघुवीर, श्री सुभाष पवार शामिल हैं। एक ओर खुले आसमान के नीचे मंदिर की आभा में नृत्य का सौंदर्य दिखेगा, तो वहीं दूसरी ओर कैनवास पर इसे अलग—अलग दृष्टिकोण के साथ देखा जा सकेगा। इस गतिविधि को रचनात्‍मक के साथ अकादमिक बनाने का प्रयास भी किया गया है। इसमें संस्‍कृति विभाग के सभी ललित कला महाविद्यालयों के अध्‍यनरत छात्र-छात्राएं भी सह‍भागिता करेंगे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार में चयनित चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा। 

सृजन, हुनर और स्वाद

51वें खजुराहो नृत्य समारोह को भव्यता और विविधता देने के उद्देश्य से सृजन, हुनर और स्वाद गतिविधियों का आयोजन भी किया जायेगा। इससे सुधिजन नृत्य के साथ—साथ भारतीय कलाओं के विभिन्‍न आयामों को भी जान व समझ सकेंगे। सृजन गतिविधि में पारंपरिक शिल्प निर्माण तकनीक का प्रदर्शन होगा, जिसमें मिट्टी, पत्‍ता, बांस, गोबर, लाख, गोदना इत्‍यादि के उपयोग से कई तरह के शिल्पों का सृजन होता दिखेगा। वहीं, हुनर गतिविधि में पारंपरिक शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय भी होगा। स्वाद गतिविधि में विभिन्न प्रकार के देशज व्यंजनों का आनंद सुधिजन ले सकेंगे।