दिव्य चिंतन 


 सिंदूर की लाज का प्रतिशोध

हरीश मिश्र 

पाकिस्तानी आतंकियों की कायराना हरकतों का अंततः मुँहतोड़ उत्तर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में सामने आया। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, राष्ट्र की अस्मिता का सशक्त उद्घोष है। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि हमारी सहनशीलता को हमारी दुर्बलता न समझा जाए। जब हमारी बेटियों के सिंदूर पर आघात होगा, तो हम सीमाएँ लाँघकर भी प्रतिशोध लेंगे।

   यह प्रतिकार संयमित, सटीक और मानवीय मर्यादा में लिपटा हुआ था। आतंकी ठिकानों को चुनकर ध्वस्त करना और नागरिक संरचनाओं को स्पर्श न करना—यह भारत की नैतिक श्रेष्ठता और रणनीतिक परिपक्वता का परिचायक है।

    संदेश स्पष्ट है—भारत अब चेतावनी नहीं देता, करारा उत्तर देता है। हमारी नीति ‘शून्य सहिष्णुता’ की है और हमारी चेतना ‘राष्ट्र प्रथम’ की। यह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है, यह राष्ट्रवाद की प्रज्ज्वलित ज्वाला थी।

भारत अब चुप नहीं रहेगा। यह नया भारत है—घाव नहीं गिनता, घाव देने वालों की गिनती मिटा देता है।
लेखक ( स्वतंत्र पत्रकार )