सीहोर l अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक बलवीर राजपूत के नेतृत्व में जिले के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, सीहोर के प्राचार्य रोहिताश्व शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में सवाल उठाया है कि जब स्कूल की मान्यता के लिए 14 कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है तो महाविद्यालय की अनुमति विश्वविद्यालय द्वारा कैसे दी जा रही है? जिला मुख्यालय पर ही कई निजी महाविद्यालय चार-चार कमरों में संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों में न तो शैक्षणिक गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है और न ही नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन हो रहा है। छात्रों से विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार फीस न लेकर मनमानी फीस वसूली जा रही है, जिसकी मॉनिटरिंग भी नहीं की जा रही है। कई ऐसे निजी कॉलेज इस समय संचालित हो रहे हैं जहां न तो वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए प्रयोगशालाएं हैं और न ही छात्रों को पुस्तकालयों की सुविधा मिल रही है। जिला मुख्यालय पर ही ऐसे कई कॉलेज हैं जहां प्रयोगशाला के नाम पर एक-एक टेबल पर कुछ प्रायोगिक यंत्र रख दिए गए हैं, तो वहीं पुस्तकालय के नाम पर एक अलमारी में कुछ किताबें रख दी गई हैं। कॉलेज के लिए कम से कम 5 बीघा या तीन एकड़ जमीन होनी चाहिए, जिसमें खेल मैदान और अन्य गतिविधियों के लिए भी जगह होनी चाहिए। जिले के निजी कॉलेजों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर जिले में बिना नियम-कायदों और सुविधाओं के खोले जा रहे कॉलेजों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।