अरहर ने की खुशियों की बरसात
उज्जैन। कृषक बाबूलाल पिता सावंत राम पटेल हमीरखेड़ी विकासखंड उज्जैन द्वारा गत वर्ष खरीफ की फसल में अरहर की फसल लगाकर मुनाफा कमाया गया है। उन्होंने अपने उपयोग के लिये अरहर की दाल तो रख ही ली, शेष बची हुई 10 क्विंटल अरहर से 65 हजार रुपये का आर्थिक लाभ कमा लिया है।
कृषक श्री बाबूलाल बताते हैं कि कृषि पखवाड़े के अंतर्गत ग्राम पंचायत में बैठक का आयोजन हुआ था जिसमें वे भी सम्मिलित हुए थे। बैठक में क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री अविनाश गुजराती द्वारा बताया गया कि खरीफ में हम सोयाबीन फसल की बुवाई करते हैं। फसल चक्र नहीं अपनाने एवं लगातार एक ही फसल की बुवाई करने से कीट व्याधि का प्रकोप बढ़ता है एवं उत्पादन में भी कमी आती हैं। इस समस्या के निदान के लिए हमें फसल परिवर्तन करना चाहिए । किसान भाइयों कोअपनी कुल भूमि के कुछ हिस्से में खरीफ में मूंग, उड़द, मक्का ,अरहर ,सूरजमुखी आदि की फसल बोना चाहिए। मेरे द्वारा इस वर्ष खरीफ में मेरी कुल भूमि के 0.50हेक्टेयर भूमि में अरहर की फसल बोई गई। जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की सलाह पर समय-समय पर कीट व्याधियों के नियंत्रण के लिए पौध संरक्षण कार्य किया गया जिसके कारण मेरी फसल स्वस्थ रही एवं मुझे अच्छी पैदावार प्राप्त हुई। लगभग 4 क्विंटल प्रति बीघा के मान से मुझे करीब 10 क्विंटल अरहर का उत्पादन मिला।जिससे मुझे घर पर उपयोग हेतु दाल बाजार से खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ी। साथ ही साथ ही अरहर की शेष मात्रा ग्राम में ही अन्य कृषकों द्वारा क्रय कर ली गई जिससे मुझे 65000 रुपये का आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है। मेरी अन्य किसान भाइयों को सलाह है कि आगामी खरीफ मौसम में फसल परिवर्तन के तहत मूंग, उड़द, मक्का ,अरहर आदि की बोनी करें।