कटनी - कलेक्टर  अवि प्रसाद की अध्यक्षता में शुक्रवार को  कृषि, सहकारिता, कृषि अभियांत्रिकीय के अधिकारियों व कर्मचारियों एवं कृषक उत्पादक संगठन कस्टम हॉयरिंग सेंटर के प्रतिनिधियों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान विगत माह कृषि उत्पादन आयुक्त  की आयोजित बैठक में दिये गये निर्देशों के परिपालन में कार्यनीति के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। कार्यशाला में कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा निर्देश दिये गये कि डीएपी का उपयोग कम करने एवं मिश्रित उर्वरक के प्रयोग में वृद्धि एवं महत्व को किसानों को बताया जाये। श्री अन्न के रकवे में वृद्धि हेतु प्रचार-प्रसार करें। स्वाइल हैल्थ कार्ड की अनुशंसा अनुसार उर्वरकों का प्रयोग को बढायें, बायोफोर्टिफाईड गेहू की खेती के प्रति प्रोत्त्साहित करें, सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग और तरल जैविक उर्वरक एनपीके का फसल उत्पादन में वृद्धि हेतु सहित इसके साथ ही माइक्रो इरीग्रेशन को बढावा, नैनो उर्वरक के प्रयोग को बढावा देना, मौसम ऐप का प्रचार-प्रसार, जीरो टिलेज को बढावा देने हेतु हैप्पी सीडर का महत्व बताना एवं नरवाई जलाने के हानिकारक प्रभाव का प्रचार-प्रसार, अऋणी कृषकों का फसल बीमा करने हेतु प्रेरित करने सहित बायोगैस का महत्व, प्राकृतिक जैविक खेती के लिये कृषको को प्रेरित करने और एफ.पीओ के गठन एवं संवर्धन आदि विषय में आवश्यक कार्यवाही हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। कृषि अभियांत्रिकीय विभाग के विजय मौर्या सहायक संचालक कृषि अभियांत्रिकीय द्वारा कृषि में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों एवं बुवाई मशीनों का प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई जिसमें प्रमुख रूप से नरवाई प्रबंधन के उद्देश्य से हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, एवं जिरो टिलेज कम फर्टीसीड्रिल से हाने वाले लाभ एवं इन कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के विषय में जानकारी दी गई। श्री मौर्या ने बताया कि हैप्पी सीडर का प्रयोग कर कृषक कर कृषक फसल कटाई के तुरंत बाद बिना अतिरिक्त खेत की तैयारी के सीधे बुवाई कर सकते है। जिससे कृषको की लागत में कमी के साथ-साथ पराली न जलाने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढती है एवं इससे वातावरण को भी नुकसान नही होता है। इफको के प्रबंधक राजेश मिश्रा के द्वारा नैनों उर्वरकों के प्रयोग के बारें में जानकारी दी गई एवं जिले के कृषकों की मक्का एवं मूंग फसल पर डाले गये नैनों उर्वरकों से हुये लाभ के बारें में बताया गया।जिसमें देखा गया कि जिन कृषकों के द्वारा नैनो डी.ए.पी प्रयोग किया गया है उन फसलो का अधिक अंकुरण, तना मोटा एवं अधिक फुटान एवं अधिक फसल बढ़वार होती है। नैनो डी.ए.पी प्रयोग सभी फसलों में बीज उपचार एवं फसल पर सीधे छिडकांव के माध्यम से किया जाता है। उपसंचालक कृषि मनीष कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि कृषको को डी.ए.पी एवं यूरिया पर अपनी निर्भरता कम करते हुये मिश्रित उर्वरकों जैसे- 20-20-0-13, 12-32-16, 10-26-26 आदि एवं सूक्ष्म उर्वकों के प्रयोग को कृषको के द्वारा अपनाया जाना चाहिये जिससे मृदा में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होगी। एनपीके की उपलब्धता को बढ़ाने के लिये तरल जैविक एनपीके कन्सोर्टिया का प्रयोग बीज उपचार या मृदा में सीधे प्रयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए। मौसम ऐप के बारे में अधिक से अधिक कृषको को जानकारी देने को कहा गया जिससे वह मौसम की परिस्थिति अनुसान अपनी कृषि कार्य योजना बना सके। जेफार्म सर्विस के प्रतिनिधी के द्वारा बताया गया कि संस्था द्वारा जेफार्म सर्विस -लाईट एप बनाया गया है। जिसके द्वारा कृषक किराये पर कृषि यंत्र प्राप्त कर कृषि कार्य कर सकतें है इनके टोल फ्री नं.18002084242 पर भी जानकारी प्राप्त कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।            कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा ईफको द्वारा प्रदाय ड्रोन का अवलोकन किया गया इस ड्रोन के माध्यम से आठ मिनिट में एक एकड़ क्षेत्र में दवा, नैनों उर्वरक आदि का स्प्रे किया जा सकता है। बैठक में राजवर्धन कुरीली सहायक आयुक्त सहकारिता, अमित तिवारी जिला विपणन अधिकारी, राजेश जैन नोडल जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कटनी, सुश्री रजनी चौहान परियोजना संचालक आत्मा, विकास जैन, एवं कृषि एवं सहकारिता विभाग का मैदानी अमला उपस्थित रहे।