कटनी - विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया गया। यह प्रशिक्षण प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल की मार्गदर्शन में प्रशिक्षण समन्वयक डॉ मंजू द्विवेदी एवं विवेक चौबे के सहयोग से दिया जा रहा है।            बायोडायनेमिक कृषि प्राचीन समय से यह धारणा है कि हमारे जीवन के हर पहलू पर्यावरण एवं मौसम पर सूर्य, चांद, सितारों एवं नक्षत्र की गति का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है । इसी आधार पर यह भी माना जाता है की कृषि एवं फसल उत्पादन पर भी इन नक्षत्रों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है । इन नक्षत्रीय शक्तियों की प्रभाविता को ध्यान में रखकर विभिन्न संस्थाओं द्वारा कुछ जैव सक्रिय उत्पाद विकसित किए गए हैं।  यह जैव सक्रिय उत्पाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ जीवनाशी प्रबंधन में भी योगदान करते हैं। बायो डायनेमिक कृषि के अंतर्गत जैव सक्रिय पदार्थ सींग खाद, ऋषि कृषि पंचगव्य, कृषि प्राकृतिक, कृषि होमा खेती, अग्निहोत्र, नोटुको खेती की जानकारी दी गई। देसी गाय का गोबर अनेक नक्षत्रीय शक्तियों से पूर्ण है वही गाय के सींग खोल में नक्षत्रीय शक्तियों को ग्रहण करने की अभूतपूर्व क्षमता होती है। सींग खाद बनाने के लिए सींग खोल का चयन गाय के गोबर का चयन गड्ढे की तैयारी सींगों को गाड़ने एवं निकालने का समय सींग खाद का भंडारण एवं फसलों में उपयोग की विधि का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।