कटनी - जलवायु परिवर्तन मृदा स्वास्थ्य में परिवर्तन बढ़ती जनसंख्या, घटती कृषि जोत के कारण कृषि क्षेत्र में चिया की खेती कृषकों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफे की फसल साबित हो रही है। खान-पान में लगातार जंक फूड, तेलीय भोजन के उपयोग के कारण लोग मोटापे, हाई बीपी, शुगर, कमजोर हड्डियों की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। बाजार में लगातार उच्च फाइबर, कैल्शियम, मैंगनीज, ओमेगा 3, फैटी एसिड आदि पोषक तत्वों की उपलब्धता के साथ युवाओं में स्लिम बॉडी का रुझान एवं फैट कटर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली फसल चिया बीज की बढ़ती मांग को देखते हुए आत्मा योजना से जिले में 25 एकड़ में चिया बीज की खेती का नवाचार किया गया है। चिया की खेती में प्रति एकड़ 2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है किसान भाई खेत की तैयारी के बाद जैविक खाद का उपयोग कर सीधे चिया बीज की बोनी कर पानी लगाकर 125 से 130 दिनों में 4 से 5 किंटल उत्पादन प्रति एकड़ प्राप्त कर 50 हजार से 60 हजार रुपए प्रति एकड़ का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।पोषक तत्वों से भरपूर चियापोषक तत्वों से भरपूर चिया के बीज आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस शामिल हैं। दिल दिमाग चिया बीज में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड वजन घटाने में मदद कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर, रक्तचाप कम करता है, और समग्र हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करता है। वजन प्रबंधन चिया बीज में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री तृप्ति को बढ़ावा देती है और भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे वजन प्रबंधन और स्वस्थ खाने की आदतों में सहायता मिलती है। पाचन स्वास्थ्य चिया बीज में घुलनशील फाइबर होता है स्वस्थ पाचन तंत्र, कब्ज को कम करने और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करता है।रक्त शर्करा विनियमन चिया बीज रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करते हैं, जिससे वे मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होते हैं। हड्डी का स्वास्थ्य चिया बीज कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने में योगदान करते हैं। ऊर्जा को बढ़ावा चिया बीज कार्बाेहाइड्रेट और पोषक तत्वों को धीरे-धीरे जारी करने के कारण स्थायी ऊर्जा प्रदान करते हैं।एंटीऑक्सीडेंट गुण चिया बीजों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं और दीर्घकालिक बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। प्रति 100 ग्राम पोषक तत्व मूल्य ऊर्जा 486 कैलोरी, कार्बाेहाइड्रेट 42.1 ग्राम, वसा 30.7 ग्राम, प्रोटीन 16.5 ग्राम, रेशा   34.4 ग्राम, विटामिन सी1.6 मिग्रा, विटामिन ई 0.5 मिलीग्राम, विटामिन बी 3  8.83 मिग्रा, कैल्शियम 631 मिलीग्राम, फ़ास्फ़रोस 860 मिलीग्राम, सोडियम 16 मिलीग्राम, पोटैशियम 407 मिलीग्राम। चिया बीज पोषक तत्वों के अलावा, ये काले या सफेद बीज विटामिन ए, बी1, बी2 और सेलेनियम, जस्ता, मैंगनीज और तांबे जैसे अन्य खनिजों से समृद्ध होते हैं।      परियोजना संचालक आत्मा किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्रीमती रजनी चौहान नें बताया कि जिले में चिया बीज उत्पादन कर रहे ग्राम सुनाई के कृषक श्री सोनेलाल पटेल, संजय मिश्रा एवं ग्राम चरगैवा के कृषक श्री संदीप तिवारी के खेतों का निरीक्षण किया गया निरीक्षण के दौरान कृषकों को फसल की कटाई एवं भंडारण के अतिरिक्त अन्य तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया। कृषकों द्वारा जिले में गठित कृषक उत्पाद संगठन के माध्यम से ब्रांडिंग, पैकिंग कर अन्य जिले में बेचने की रणनीति बनाई जा रही है साथ ही कृषकों को समय-समय पर चिया की खेती हेतु लगातार तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। कृषकों के खेतों में भ्रमण के दौरान परियोजना संचालक आत्मा सुश्री रजनी चौहान, विशेषज्ञ डॉ. सारस्वत जी, तकनीकी प्रबंधक अतुल सिंह एवं प्रवीण पाठक उपस्थित रहे। बाजार व्यवस्था सुदृढ करने एवं कृषको को चिया वीज का उचित मूल्य दिलाए जाने हेतु मानव जीवन विकास समिति के सचिव श्री निर्भय सिंह एवं चंद्रपाल कुशवाहा जी द्वारा विकासखंड बड़वारा के मझंगवा ग्राम बिजोरी में खरीदी का क्लस्टर तैयार किया जा रहा है।