मध्यप्रदेश में एंटी इनकमबेंसी कोई मुद्दा है ही नहीं - चौबे
भोपाल l जरा याद कीजिए 2003 का वह दौर जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी तब सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्डों में सड़क हुआ करती थी । यदि बिजली की बात करें तो जब लाइट जाती थी तब लोगों में यह भय रहता था कि लाइट आखिर आएगी कब .. ? शाम को सुबह या फिर कल। गांव की बात तो छोड़िए, शहरों में भी बिजली के यही हालात थे। घंटो लाइट नहीं आती थी ,लाइट आती कम और जाती ज्यादा थी। लाइट आते ही किसान खेत की ओर निकल पड़ता था, खेत में जाकर देखता था कि लाइट फिर चली गई। पीने के पानी की किल्लत बनी ही रहती थी। लोगों में निराशा का माहौल घर कर गया था। मेंटेनेंस के अभाव में पुल , पुलिया सहित इंफ्रास्ट्रक्चर जर्जर हो चला था। सरकारी कर्मचारी तक तत्कालीन सरकार से त्रस्त हो गए थे । उक्त उदगार व्यक्त करते हुए सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव कुमार चौबे ने कहा कि जब 2003 में भाजपा की सरकार बनी तब मध्यप्रदेश विकास के पथ पर बढ़ चला। आज मध्यप्रदेश ने विकास की रफ्तार पकड़ ली है वह अब पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहता। मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर निकलकर तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है । प्रदेश की जनता भी यही चाहती हैं कि विकास की यह यात्रा यूं ही अनवरत् जारी रहे , इसमें अब कोई भी व्यवधान ना आने पाए । शिवराज सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर लाड़ली बहना योजना तक ऐसी अनेको अनेक जनहितैषी योजनाएं हमारी सरकार ने जाति या धर्म देखकर नहीं बनाई बल्कि हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर काम करते हुए समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए समान रूप से काम कर रही है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में चौतरफा विकास हुआ है। मध्यप्रदेश आज ना केवल अपनी बल्कि भारत सरकार की भी लोक कल्याणकारी योजनाओं ,कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने में अग्रणी बनकर उभरा है। भारत सरकार की अनेकों योजनाओं के क्रियान्वयन में भी मध्यप्रदेश अव्वल है। मध्यप्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा भागीदार बनने की ओर भी अग्रसर है। स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मध्यप्रदेश को भारत की अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग फोर्स बनने की पूरी क्षमता वाला प्रदेश बताया है। जहां तक विधानसभा चुनाव की बात करें तो मध्यप्रदेश में एंटी इनकंबेंसी कोई मुद्दा है ही नहीं । जनआकांक्षाओं की उम्मीदों के केंद्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आम सभाओं,रैलियों में हजारों हजार लोगों का उमड़ता हुजूम इस बात का गवाह है कि प्रदेश की जनता आज भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उतना ही चाहती है जितना पहले चाहती थी । तमाम सर्वे में भी यही बात सामने निकाल कर आई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियता में सबसे आगे है । मुख्यमंत्री चौहान का जादू आज भी बरकरार है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सर्वस्वीकार्यता, सत्ता और संगठन में जबरदस्त समन्वय के दम पर एक बार फिर हम मध्यप्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं।