मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जादू पर बरकरार
2003 और 2023 के मध्यप्रदेश में जमीन आसमान का अंतर है । आज मध्यप्रदेश कई क्षेत्रों में देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे निकल चुका है। मध्यप्रदेश में चौतरफा विकास हो रहा है। मध्य प्रदेश की 10% आबादी अब गरीबी रेखा के बाहर आ चुकी है । आर्थिक विकास दर 16% से अधिक हो चुकी है। इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएं तेजी से आकार ले रही हैं । मध्यप्रदेश केंद्र की अनेकों योजना के क्रियान्वयन में भी देश में अब्बल है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश को बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर निकाल कर विकास के पथ पर लाकर खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने समाज के हर तबके के लिए बेहतर काम किया है। प्रदेश में उनके द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का अनुसरण न सिर्फ अन्य प्रदेश कर रहे हैं बल्कि देश और दुनिया में इन योजनाओं का डंका बज रहा है । यदि मुख्यमंत्री चौहान को पुराने मिथको तोड़कर नए-नए रिकॉर्ड बनाने वाला मुख्यमंत्री कहा जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। उनका पूरा कार्यकाल उपलब्धियां और कीर्तिमानों से भरा पड़ा है। चौहान ने हमेशा सरकार को समाज का प्रतिबिंब माना है यही वजह है कि उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य को किसी न किसी योजना के अंतर्गत लाभ दिलाने का प्रयास किया है । क्या गरीब ,क्या अमीर, जाति ,धर्म ,बेटा - बेटी से लेकर बुजुर्ग तक शिवराज सरकार का गुणगान कर रहे हैं।विपक्ष सरकार पर जमकर आरोप लगाती है लेकिन जनता की अदालत ने मुख्यमंत्री चौहान को बार-बार चुनाव में जीत दिलाकर पहले से और अधिक शक्तिशाली बना दिया है। चौहान ने प्रदेश के विकास के लिए सोशल इंजीनियरिंग पर भी पूरा ध्यान केंद्रित किया है । कुछ राज्य तो उनकी रीति नीतियों को अपना रहे हैं। आज मध्यप्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा भागीदार बनने की ओर अग्रसर है । नेक इरादों बुलंद हौसलों वाले चौहान ने जो कदम उठाए हैं उनके बूते आज मध्यप्रदेश विकास के मामले में सीना तानकर खड़ा हो गया है। चौहान का कार्यकाल आमजन के लिए गोल्डन पीरियड कहा जाए तो अतिशयोक्ति भी नहीं होगी। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर लाड़ली बहना योजना तक कई क्रांतिकारी योजनाएं बनाई है । आज जनता जनार्दन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कम से कदम मिलाकर खड़ी नजर आती है । मुख्यमंत्री को मिल रहे अपार जन समर्थन ने यह साबित कर दिया है कि वे वाकई में जनमानस के सेवक हैं। वैसे भी मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश को मंदिर और आमजन को अपना भगवान मानते हैं उसी भाव से ही वे जनहित के कार्य निरंतर करते हैं । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आमसभा हो ,विकास पर्व की रैलियां हो या अन्य रैलियां हो ,उनमें उमड़ा जनसैलाब यह साबित करता है कि उनका जादू आज भी बरकरार है । जहां-जहां भी वे जा रहे हैं वहां उन्हें सुनने जनता का हुजूम उमड़ पड़ता है चौहान के लिए जनता का जो विश्वास है। वह अटूट है ,अद्भुत है वह 16-16 , 17-17 घंटे काम करते हैं। इतने लंबे समय तक सत्ता में बने रहने के बाद भी उन्होंने अपने भीतर सहजता और सरलता को संजोए रखा है । चौहान जैसा मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश को ना कभी मिला था और ना ही भविष्य में मिल पाएगा । मुख्यमंत्री चौहान ने असंभव, मुश्किल से मुश्किल लगने वाले लक्ष्यों को भी पूरी ताकत के साथ पूरा करने का प्रयास किया है । उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मूल मंत्र चरैवेति - चरैवेति ,निरंतर चलते रहो ,चलते रहो को वास्तविकता के धरातल पर उतरने का काम किया है । उनकी दिनचर्या और कार्य संस्कृति में आराम के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के विकास के लिए ,मध्यप्रदेश की जनता के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पूरी जिद ,जुनून और समर्पण के भाव से काम कर रहे हैं।