जबलपुर l कृषि भूमि में अवशेष प्रबंधन एक बहुत ही आवश्यक कारक है, जिससे भूमि की उर्वरता को कम लागत से बढ़ाया जा सकता है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा कृषि अभियांत्रिकी के सहयोग से जबलपुर जिले में फसल अवशेष प्रबंधन के कार्य को सुगम बनाने के लिए हैप्पी सीडर का प्रदर्शन किसानों के खेत पर लगातार किया जा रहा है। इसी क्रम में शहपुरा विकासखंड के ग्राम मगरमुहां, किसरोद एवं भमकी में और जबलपुर विकासखंड के ग्राम सिवनी टोला व हिनौता में कृषकों के खेतों पर हैप्पी सीडर से मूंग की बोनी की गई।

कृषि विस्तार अधिकारी रजनीश दुबे ने जानकारी देते हुए कृषकों से अनुरोध किया की फसल अवशेष को खेतों में ना जलाया जाए। खेतों में आग लगाकर फसल अवशेष को नष्ट करने से भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीवों की संख्या कम जाती है एवं जमीन की उर्वरता नष्ट हो जाती है। यदि हैप्पी सीडर से बोनी की जाए तो फसल अवशेष भूमि पर मल्चिंग के रूप में बैठ जाता है एवं गलने के बाद जैविक खाद में परिवर्तित हो जाता है। इस क्रिया से कृषि भूमि में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ता है एवं जलसंधारण करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। शहपुरा के किसान कैलाश पटेल, नरेंद्र पटेल एवं जबलपुर विकासखंड के किसान प्रेमचंद पटेल, रघुवीर पटेल ने अपने खेतों में मूँग की बोनी इस यंत्र के द्वारा की एवं इसके लाभ को देखने सैकड़ों किसानों की उपस्थित रहे।      

हैप्पी सीडर के प्रदर्शन के समय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रश्मि परसाई एवं मेघा अग्रवाल उपस्थित रही। क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी जागृति साहू, प्रतिभा यादव, श्याम परतेती एवं बी ऐस ठाकुर ने किसानों के अभिलेख एकत्र कर प्रदर्शन की कार्यवाही संपादित की। किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक  रवि आम्रवंशी, परियोजना संचालक आत्मा डॉ एस के निगम, अनुविभागीय अधिकारी कृषि डॉ इंदिरा त्रिपाठी एवं प्रतिभा गौर  के मार्गदर्शन में ऐसे प्रदर्शन पूरे जिले में आयोजित किये जा रहे हैं।