मिलेट के सेवन से हृदय रोग एवं डायबिटीज ऐसी बीमारियां नहीं होती - कृषि मंत्री पटेल
भोपाल। व्यक्ति को स्वस्थ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि मिलेट अनाज योजना को बढ़ावा देने के लिए जहा एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी मिली है तो वही मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने किसानों के लिए मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना को आज कैबिनेट में मंजूरी दे दी है।*
कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने मध्यप्रदेश कैबिनेट में मिलेट अनाज को लेकर लिए गए निर्णय को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी ने 2023- 24 को अंतराराष्ट्रीय मिलेट अनाज वर्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसे पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है।अब 2023- 24 अंतरराष्ट्रीय मिलेट अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। वही मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने कैबिनेट की बैठक में मिलेट अनाज को लेकर एक प्रस्ताव रखा था जिस को शुरू करने का निर्णय शिवराज सरकार ने लिया है। मिलेट अनाज जिसे मोटा अनाज भी कहा जाता है जिसमें कोदो, कुटकी, सांबा, ज्वार बाजरा शामिल है।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि मोटे अनाज की विशेषता यह होती है कि इस अनाज के सेवन से हृदय रोग, डायबिटीज जैसी बीमारियां नहीं होती है।कोरोना के बाद लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं और हमारे प्रदेश के आदिवासी जिलों में आदिवासी किसान मोटे अनाज की फसल लेते लेकिन अब पूरे प्रदेश में मोटे अनाज की फसल किसान ले।इसके लिए सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना की स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत किसानों के बीच मिलेट फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने एवं मिलेट फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार प्रसार करने का निर्णय लिया गया है। सरकारी कार्यक्रमों और मध्याह भोजन में बच्चों को मोटे अनाज का भोजन देने का निर्णय भी लिया गया है।इस योजना के लिए 23 करोड़ 25 लाख का सरकार ने बजट प्रावधान किया है। इसके साथ ही सरकार मोटे अनाज की फसलों को लेकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी करेगी। किसानों के बीच मोटे अनाज की फसल को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने किसान को 80% शासकीय अनुदान भी देने का निर्णय लिया है।