खरीफ मौसम की फसलों की स्थिति का जायजा लेने क्षेत्र का भ्रमण

झाबुआ l
खरीफ मौसम में 2025 अंतर्गत 189260 हैक्टेयर रकबा लक्षित हो कर 175.71 हैक्टेयर में बुआई कार्य सम्पन्न होकर शेष प्रचलित है। अद्यतन स्थिति में वर्षा का दौर जारी हैं। कलेक्टर नेहा मीना के सतत मार्गदर्शन में फसलों की स्थिति का जायजा लेने हेतु उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री एन. एस. रावत के साथ कार्यालयीन सहायक संचालक कृषि एस.एस.रावत उपस्थित रहकर जिले के विकासखण्ड रामा, पेटलावद एवं थांदला का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान रामा विकासखण्ड के ग्राम पालेडी खेडी फलिया आमलीपाडा, वान्यामुनकी के कृषक श्री मानसिंह पिता धूलिया मुनिया, श्री प्रेमसिह पिता रामसिह पलासिया, श्री करणसिह पिता जुवानसिह डामोर इत्यादी के खेतो में लगी फसल मक्का, सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंगफली का अवलोकन किया गया। फसल अवलोकन के दौरान फसल स्थिति सामान्य होकर संतोषजनक है। भ्रमण के दौरान रूबरू चर्चा में कृषको को श्री रावत द्वारा बताया गया है कि खेत फसल का नियमित निरीक्षण करते रहे व खरपतवार इत्यादी से खेत को साफ रखे तथा कीटव्याधियों के प्रकोप की स्थिती में अनुशंषित कीटनाशक का उचित मात्रा में घोल बनाकर छिड़काव करे।
खरीफ फसलों में लगने वाले कीटव्याधियों के प्रकोप नियंत्रण हेतु कृषकों के लिए उपयोगी समसामयिक सलाह भी दी जाती है, जो इस प्रकार है:- जिन किसान भाईयों के खेत में सोयाबीन, उड़द की फसल में पीला मौजेक का प्रकोप देखा गया हो, वह इसके नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही अपने-अपने खेत में जगह-जगह पर पीला चिपचिपा ट्रेप लगाए, जिससे इसका संक्रमण फैलाने वाली सफेद मक्खी के नियंत्रण में सहायता मिलें। साथ ही पीला मोजेक ग्रसित पौधे को अपने खेत से निकाल कर नष्ट करें। सोयाबीन, कपास की फसल में फफूँद जनित एंथ्रेकनोज तथा राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट नामक बीमारी का प्रकोप होने पर टेबुकोनेझोल 625 एम.एल. प्रति हैक्टेयर या टेबुकोनेझोल+सल्फर 1 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर या हैक्साकोनेझोल 5 प्रतिशत ई.सी. 800 एम. एल. प्रति हैक्टेयर के मान से छिडकाव करें। मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म के नियंत्रण हेतु क्लोरपायरीफॉस 20 ई.सी. या ईमामेक्टिन बेन्जोएट 5 ई.सी. 04 ग्राम/10 मि.ली. या थायोमेथाक्झम+लैम्बाडासायहेलोथ्रिन 0.5 एम.एल. प्रति लीटर पानी में उचित घोल बनाकर छिडकाव करें। कपास की फसल में रस चूषक कीट एफिड का प्रकोप होने पर एसीटामेप्रिड दवा का 10 मिली प्रति स्प्रे पंप के मान से घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी जाती है। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा में जल भराव की स्थिति है, वहाँ शीघ्रातिशीघ्र नाली बना कर जल निकासी की व्यवस्था करें।
अपील
विभाग द्वारा किसान भाईयो से यह अपील की जाती है कि अपनी फसल पर निरन्तर निगरानी रखें व समय-समय पर कीट नियंत्रण हेतु सामूहिक रूप से प्रयास करें तथा अनुशंषित कीटनाशक दवा का उचित घोल बना कर छिडकाव करे। वर्षा ऋतु के दौर में ढलाव वाले (निचले स्तर) खेतों में जल भराव की स्थति बनने पर उचित जल निकास हेतु नाली बनवाये। अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र एवं नजदीकी कृषि कार्यालय से सम्पर्क करें एवं मैदानी अमलों से उचित मार्गदर्शन ले।