किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य सीधे प्राप्त हो रहा है

सतना /प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनान्तर्गत देश भर में गठित किये गये कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सही और उचित मूल्य सीधे प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसान प्रोसेसिंग यूनिट से जुड़कर कृषि को औद्योगिकीकरण की ओर ले जा रहे हैं और उत्पाद के वैल्यू एडीशन से अपनी आय भी बढ़ा रहे हैं। कृषि मंत्री मैहर कृषि उपज मण्डी में मैहर कृषक उत्पादक संगठन के कार्यालय और मझगवां विकासखण्ड के ग्राम पगारकला में गैवीनाथ सब्जी एवं दुग्ध उत्पादक संगठन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कृषक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने की। इस मौके पर सांसद श्री गणेश सिंह, अध्यक्ष जिला पंचायत रामखेलावन कोल, उपाध्यक्ष सुस्मिता सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष मैहर गीता सोनी, श्रीकान्त चतुर्वेदी, कृष्णा पाण्डेय, जिला पंचायत सदस्य जयंती तिवारी, प्रबल श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक राजेन्द्र सिंह नेगी, उप संचालक कृषि मनोज कश्यप सहित बड़ी संख्या में सब्जी उत्पादक कृषक उपस्थित थे। कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि किसान देश की आत्मा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान किसान को प्राथमिकता में रखकर देश में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों का गठन कर किसानों को उपज का सही और उचित मूल्य दिलाने तथा कृषि क्षेत्र को फायदे का धन्धा बनाकर कृषि आय को दुगनी और चौगुनी करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि किसानों के उत्पादों को एमएसपी वाला नहीं एमआरपी वाला बनायेंगे। उन्होंने कहा कि बाजार में हर वस्तु की एमआरपी होती है। लेकिन किसान के उत्पादों की कही एमआरपी नहीं होती। किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से किसान प्रोसेसिंग के द्वारा अपनी उपज के उत्पादों का एमआरपी खुद तय कर सकेगा और वैल्यू एडीशन के द्वारा अपने उपज के उत्पादों का अधिकतम मूल्य भी प्राप्त कर सकेगा। स्वामित्व योजना की चर्चा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री जी के ऐतिहासिक निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजना लागू हुई। स्वामित्व योजना से गांव की आबादी को उनका मालिकाना दस्तावेजी हक दिया। यह देश को आर्थिक आजादी दिलाने का काम हुआ है। स्वामित्व योजना से अपनी संपत्ति के मालिक होने का दस्तावेज मिलने से गांव का युवा अब बेरोजगार नहीं रहेगा। युवाओं के हाथों को स्वरोजगार मिलेगा और गांव आत्मनिर्भर होंगे। क्रमशः पेज 2 पर (2) कृषि मंत्री ने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से देश के किसानों के लिए खुशहाली का रास्ता खुला है। मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 3 लाख किसान हैं। जिनमें 46 लाख किसान ढाई एकड़ से कम भूमि के स्वामी हैं। ऐसे लघु किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना वरदान साबित हो रही है।