खरगोन l कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने आगामी खरीफ सीजन में ली जाने वाली फसलों के लिए खाद बीज एवं अन्य तैयारियों की समीक्षा के लिए 27 मार्च को कृषि एवं उससे जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उप संचालक कृषि श्री एसएस राजपूत, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक महाप्रबंधक श्री पीएस धनवाल, उप संचालक उद्यानिकी श्री केके गिरवाल, उपायुक्त सहाकारिता श्री काशीराम आवासे, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री भारत सिंह जमरे, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. लक्ष्मण सिंह बघेल, जिले के सभी कृषि विस्तार अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।                 

कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में बोई जाने वाली खरीफ फसले मक्का, ज्वार, उड़द, मूंग, अरहर, सोयाबीन एवं कपास के बीज एवं खाद की समय रहते समुचित व्यवस्था की जाए। जिले में कोई भी कंपनी बिना लायसेंस के बीज एवं खाद का विक्रय न कर पाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए। किसानों द्वारा पिछले दिनों मक्के का अमानक बीज दिये जाने की शिकायत की गई थी। इस सीजन में जिले में कहीं से भी ऐसी शिकायत नहीं मिलना चाहिए। अफलन वाले अमानक बीज विक्रय करने वालों पर एफआईआर की कार्यवाही की जाए।    

             बैठक में कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे किसानों को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने और उसका मृदा स्वास्थ्य कार्ड लेने के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे किसान मृदा कार्ड के आधार पर उर्वरक का उपयोग कर सके। जिले में 09 स्थानों पर मृदा परीक्षण के लिए प्रयोगशाला संचालित है। इन सभी प्रयोगशाला में लक्ष्य के अनुरूप मृदा परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। किसानों के बीच मृदा परीक्षण का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। किसानों को उत्तम गुणवत्ता के बीज, खाद एवं कीटनाशक मिल सके, इसके लिए इनके अधिक से अधिक नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे जाए। जांच में नमूने अमानक पाये जाने पर जिम्मेदार व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर की कार्यवाही की जाए।                  कलेक्टर सुश्री मित्तल ने किसानों के लिए कपास की फसल के पर्याप्त उन्नत बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिले में हाई डेनसिटि प्लान्टिग पद्धति से कपास की खेती का रकबा बढ़ाने के निर्देश दिये।                

  बैठक में बताया गया कि जिले में खरीफ फसलों के लिए पर्याप्त बीज का भण्डारण किया जा रहा है। जिससे किसानों को सुगमता से कपास, सोयाबीन, मक्का आदि के बीज उपलब्ध हो सकेंगे। जिले में 09 बीज उत्पादक समितियों द्वारा भी बीजों को उत्पादन किया ज रहा है। कपास के 07 लाख 50 हजार पैकेट बीज की जरूरत होगी। कपास की फसल 01 लाख 85 हजार हेक्टेयर मंे लगाई जाती है। अशासकीय संस्था आगा खॉ द्वारा भगवानपुरा एवं झिरन्या में जैविक कपास उत्पादन के लिए 03 क्लस्टर बनाएं गए हैं और इसमें 2500 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। गत वर्ष जिले में 01 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हाई डेनसिटि प्लान्टिग पद्धति से कपास लगाया गया था। इस बार इसका रकबा बढ़ाकर 04 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। खरीफ फसलों के लिए 01 लाख 72 हजार 600 मेट्रिक टन उर्वरक की मांग होती है। वर्तमान में जिले में 52 हजार 206 मैट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है।