कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा संचालित निकरा परियोजना के अंतर्गत अंग्रीकृत गांव परवलिया तहसील थांदला जिला झाबुआ के नवाचारी किसान श्री प्रकाश मुनिया को सर्वश्रेष्ठ नवाचार किसान (जलवायु परिवर्तन) का पुरुस्कार पूर्व महानिदेशक व सचिव आई०सी०ए०आर० भारत सरकार प्रो त्रिलोचन महापात्रा के करकमलों द्वारा दिया गया यह पुरूस्कार उनको जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने एवं कृषि में नवचार हेतु दिया गया। यह आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान हैदराबाद के 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदान किया गया। प्रकाश मुनिया जी को यह अवार्ड वैज्ञानिको के मार्गदर्शन पर जलवायु परिवर्तन के जाखिम को कम करने हेतु सक्षम प्रयोग जैसे मृदा नमी संरक्षण हेतु गहरी जुताई अंतराशस्यन फसल पद्धति जैसे (मक्का व कपास) ( मक्का व तुअर) इत्यादि जलसंरक्षण हेतु उपयोगी विधि जैसे बोरी बंधान, कुओं का गहरी करण एवं टपक सिंचाई द्वारा सब्जी उत्पादन तथा सोयाबीन में नमी संरक्षण हेतु रिज एण्ड फरो पद्धति के साथ-साथ गेहॅूं, चना, मक्का आदि की उन्नत किस्मों का उपयोग करते हुए अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया खेती के साथ प्रकाश मुनिया ने पशु पालन के अंतर्गत कडकनाथ पालन, बकरी पालन, हरा चारा उत्पादन व मशरूम उत्पादन द्वारा लाभ प्राप्त किया। कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ० आई०एस० तोमर ने उनको पुरूस्कार मिलने पर बधाई देते हुए अन्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने हेतु उन्नत तकनिको को अपनाने के लिये प्रेरित किया। निकरा परियोजना के उप मुख्य शोधकर्ता डॉ० चंदन कुमार व अनिल कुमार शर्मा वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता के द्वारा परवलिया के किसानो को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने तथा खेती के साथ-साथ पशु पालन एवं मृदा में नमी का संरक्षण कैसे किया जाये के इस बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी। प्रकाश मुनिया ने पुरूस्कार मिलने के उपरांत अटारी जबलपुर व राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त वैज्ञानिको व कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।