कृषक उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करें
शाजापुर l किसान कल्याण तथा कृषि विकास उप संचालक ने सभी कृषकों को सलाह दी है कि वर्तमान में रबी की फसल परिपक्वता की ओर है। आगामी माह मार्च, अप्रैल, मई, जून में गेहूं की फसल कटाई का कार्य प्रारम्भ होना है जिसमें प्रायः देखने में आता है कि जिले के कृषकों द्वारा फसल अवशेष को प्रबंध करना एक महत्वपूर्ण चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, जिससे कि कृषक उन अवशेषो को नष्ट करने के लिए आग लगाकर प्रबंध करते है जोकि कदापि उचित नहीं है। फसलों के अवशेष जलाने से भूमि की उर्वरता शक्ति नष्ट हो जाती है एवं फसलों की उत्पादन क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। जिससे भूमि में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणु की संख्या में कमी आती है। फसल अवशेषो के प्रबंध करने के लिए उन्नत कृषि यंत्र जैसे- कम्पाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम एवं स्ट्रा रीपर लगी मशीन से ही फसल कटाई का कार्य एवं प्रबंधन करें। जिले में बाहर से आये हुए हार्वेस्टर यदि बिना स्ट्रारीपर मशीन के साथ आते है तो वह पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगें, जिन पर कार्यवाही के लिए शासन बाध्य होगा।
उन्होंने बताया कि जन जागरण के लिए जिले के सभी सामाजिक संगठन, जिला पंचायत, राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग के कर्मचारी एवं सभी राजनैतिक दलो से आव्हान किया जायेगा एवं पर्यावरण किसान एवं भूमि के हित में अपना योगदान दें, ताकि जिले को नरवाई न जलाकर नरवाई मुक्त किया जा सके। इस समाधान के कारण जिले में पशुधन के लिए पर्याप्त भूसा जिले में उपलब्ध हो सकेगा तथा किसानों में पशुपालन की सक्रियता आयेगी एवं किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। जिले में बाहर से आये हुए कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर अटेचमेन्ट मशीन से ही नरवाई फसल प्रबंधन कार्य करवाएं।