पौध रोपण एवं केंचुआ खाद बनाने की विधि के प्रदर्शन की जानकारी ली

रीवा l पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत शास. एम. एस. गोलवलकर महाविद्यालय रीवा के विद्यार्थियों ने जयंती कुंज वन विभाग नर्सरी एवं वन स्थल का भ्रमण कर नर्सरी में पौध रोपण की जानकारी ली। जिसमें बीज एवं पौधों के अन्य भागों से नए पौधों को तैयार करने हेतु विभिन्न विधियों की जानकारी रोपनी प्रभारी डिप्टी रेंजर मिश्रा जी द्वारा दी गई। छात्रों ने पॉलीहाउस, पॉलीथिन में पौधों के रोपण , क्यारियों आदि का अवलोकन किया। कार्यक्रम में सागौन , काला शीशम, पाठा आदि के नए पौधों तैयार करने की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में गोबर से केंचुआ खाद बनाने का प्रदर्शन एवं जानकारी प्राप्त की गई। स्थानीय वन अंचल का भ्रमण करते हुए वनों की जैव विविधता महत्वपूर्ण पौधों तेंदू, साल, सागौन, बीजा, बांस ,असन, शीशम, कचनार, पाकर, गुलर, पारिजात, कैथ, अमला, हडजोर, गुड़मार, सर्प गंधा, रत्ती, चित्रक, संकटग्रस्त पौधे गरुड़, करकट, पुत्रंजीवा सहित पक्षियों कोयल, मैना, कबूतर, मोर का अवलोकन किया।
वर्कशॉप में डॉ. अजय पांडे वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र ने सतत विकास एवं स्वास्थ जीवन शैली हेतु रसायन युक्त कीटनाशक से मुक्त फलों ,सब्जी, श्री अन्न कोदो , कुटकी, रागी आदि अनाजों के प्रयोग को उपयोगी बताया एवं पर्यावरण को शुद्ध रखने की जानकारी दी तथा गौमूत्र को उपयोगी बताया। प्रोफेसर स्कंद मिश्रा इको क्लब प्रभारी ने विंध्य क्षेत्र के बांधवगढ़ की जैव विविधता, श्रीमती अंकिता सिंह ने भारतीय ज्ञान परंपरा में वनस्पति एवं जैव विविधता, डॉ. सर्वेश तिवारी ने पुनर्नवा पौधे के औषधीय गुण, उपयोग एवं जानकारी का प्रदर्शन किया गया। डॉ. विश्वजीत तिवारी एवं डॉ. अर्पणा मिश्रा ने बायोटेक्नोलॉजी के अनुप्रयोगों की जानकारी दी। कार्यक्रम में जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यावरण एवं जैव विविधता संरक्षण हेतु शपथ ली गई एवं रैली का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ शेष मणि शुक्ला, डॉ विश्वजीत तिवारी, बी. के. भारती, चंद्र शेखर वर्मा, रविनेश वर्मा, अजय सेन तथा कॉलेज के प्रतिभागी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।