किसान प्राकृतिक खेती करें और मूल्य संबर्धन के उपाय कृषि वैज्ञानिक खोजे -कृषि मंत्री
सतना l महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में चल रही भविष्य की कृषि तकनीकी, प्राकृतिक खेती और वैश्विक खाद्य विपढन नीति विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किया। विशिष्ट अतिथि कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ अरविंद कुमार शुक्ल रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की।
इस अवसर कृषि मंत्री कमल पटेल ने अनेक कृषि वैज्ञानिकों और शोध कार्य में लगे विद्यार्थियों को अवार्ड प्रदान करने के साथ ही अपने मार्गदर्शक उदबोधन में कृषि के विद्यार्थियों को सलाह दी कि अपनी पढ़ाई की सार्थकता को केवल नौकरी तक ही सीमित न रखें, बल्कि अपने ज्ञान का उपयोग कर रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक दवा से दूर प्राकृतिक खेती को बढ़ाने में करें। श्री पटेल ने कहा कि कृषि के विद्यार्थियों के सकारात्मक प्रयास से मानव जीवन को नुकसान रहित खाद्य सामग्री मिलेगी और किसानों की आर्थिक समृद्धि भी होगी। उन्होंने उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा प्रयास पोषक अन्न के उत्पादन के लिए होना चाहिए तभी हम बीमारियों के चपेट में आने से बच सकेंगे। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किये।
विशिष्ट अतिथि व कुलपति डॉ अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि के स्तंभ को मजबूत किये बगैर हम आत्मनिर्भर नही बन सकते।डॉ शुक्ला ने खेती में उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के प्रति चिंता व्यक्त की है। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उपायों के सृजन की दिशा में ग्रामोदय विश्वविद्यालय अनुसंधान कर रहा है। अगले साल ग्रामोदय कृषि फार्म में अनुसंधान निष्कर्ष पर प्राकृतिक खेती के नवाचार किये जायेंगे।