दो माह में मिलेट प्रोसेसिंग की दो यूनिट होंगी स्थापित
नीमच l एमएसएमई विभाग जावद कृषि उपज मण्डी परिसर में मिलेट मिशन के तहत दो मिलेट प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित करेगा। इन प्रोसेसिंग ईकाईयों को देखकर और कार्यशाला में प्राप्त जानकारी के आधार पर क्षेत्र के 50 से अधिक किसान नये खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए आगे आएगें। यह बात प्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सोमवार को जावद में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला एवं उन्नत कृषकों की संगोष्ठी के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। इस मौके पर सांसद श्री सुधीर गुप्ता, सीएफटीआरआई, मैसूर की संचालक डॉ श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिह एंव वैज्ञानिको का दल, कलेक्टर श्री दिनेश जैन, ईएण्डवाय के प्रतिनिधि श्री सुनीलकुमार सांई, एसडीएम श्रीमती शिवानी गर्ग, श्री सचिन गोखरू, श्री श्याम काबरा, श्री सोहनलाल माली, श्री अर्जुनमाली सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक एंव विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा बडी संख्या में किसानबन्धु उपस्थित थे।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा, कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर, किसानभाई अपनी आमदनी चार गुना बढा सकते है।उन्होने किसानों का आव्हान किया, कि वे कृषि वैज्ञानिकों ईएण्डवाय के प्रतिनिधियों, सीएमटीआरआई के वैज्ञानिकों से निरंतर संवाद सम्पर्क कर, फुड प्रोसेंसिंग यूनिट स्थापित करने के संबंध में जानकारी हांसिल कर, कलस्टर में छोट-छोटे कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर, अपनी कृषि आय को बढाये। एमएसएमई विभाग के ईएण्डवाय प्रतिनिधि श्री सुनीलकुमार सांई ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना के लिए लगने वाली मशीनरी, आवश्यक लायसेंस, लागत, कच्चे माल की उपलब्धता, मार्केटिंग, पैकेजिंग आदि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने कहा, कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थाना के बारे में डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, हेण्डबुक आदि जानकारी एमएसएमई विभाग की वेबसाईड पर उपलब्ध है। उदयपुर से आये श्री प्रकाश सारस्वत ने कांट्रेक्ट फार्मिग, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, हर्बल आधारित उद्योग की स्थापना, मिलेट के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना आदि के बारे विस्तार से बताया और इन उद्योगों की स्थापना पर शासन की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि की जानकारी दी।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए , सीएफटीआरआई मैसूर की संचालक डॉ.श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए तकनीकी, डेवलपमेंट, स्किल्ड डेवलपमेंट, आवश्यक मशीनरी की उपलब्धता के कार्य में हर सम्भव सहयोग करने का विश्वास दिलाया।
सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने कहा, कि क्षेत्र का किसान, समृद्ध,प्रगतिशील और नई तकनीक, नई खेती को अपनाने वाला किसान है। क्षेत्र के किसान कृषि में नये नये प्रयोग करते रहते है। समय के साथ किसानों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए आगे आना होगा। फूड प्रोसेसिंग कर किसानबन्धु अपने उत्पाद से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते है। उन्होने क्षेत्र के किसानों से मिलेट के उत्पादन के लिए आगे आने का आव्हान भी किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रकार के 100 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण , उद्योगो के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। महाप्रबंधक उद्योग श्री अमरसिंह मौर ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रदेश में लागू की गई नई एमएसएमई पालिसी, नये उद्योगों की स्थापना पर शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और अनुदान के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.यतिन मेहता ने किया तथा अंत उप संचालक कृषि श्री दिनेश मंडलोई ने सभी का आभार व्यक्त किया।