कृषि के साथ पशुपालन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नीव है - मंत्री श्री चौहान

अलीराजपुर । कृषि विज्ञान केन्द्र अलीराजपुर में पशु पालन एवं पशु कल्याण जागरूकता माह के अंतर्गत कैबिनेट मंत्री श्री नागरसिंह चौहान एवं कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर की विशेष उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कैबिनेट मंत्री श्री चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि एवं पशु पालन के लिए किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यवाहरिक ज्ञान की आवश्यकता होती है । उन्होने कहा कि जिले में धीरे धीरे पशु पालन एवं दूग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कृषकों का रूझान बढ़ा है । कृषि के साथ पशु पालन ग्रामीण अर्थ व्यवस्था की नीव है । उन्होने कहा कि लाभ की खेती के लिए जिले में सिंचित क्षेत्र का रकबा बढाने के प्रयास पिछले 20 वर्षो में किए गए है । इन वर्षो में 44 हजार से अधिक कपिल धारा कुऍ , सैकडो तालाब के साथ नर्मदा मैया का जल प्रत्येक ग्राम तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक कृषि भूमि सिंचित हो एवं कृषक रबी एवं खरीफ के साथ फल उत्पादन जैसी अन्य फसल भी ले सके उन्होंने कहा कि पशु पालन के लिए शासन द्वारा 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है । जिले में कपास की खरीदी को संस्थागत रूप देने के लिए जोबट में प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है । उन्होंने कहा कि जिला आम , तरबूज जैसी फसल भी अधिक मात्रा में उपजा रहा है जो कि सिंचाई के साधन की सार्वभौमिकता का द्योतक है । उन्होंने सभी पशु पालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक फील्ड भ्रमण करें । शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार के साथ उन योजनाओं को साकार रूप देने के लिए कार्य करें । उन्होंने कहा कि कृषि एवं पशु पालन प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक ज्ञान के संगम से ही संभव है । कलेक्टर डॉ बेडेकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश मूलरूप से कृषि प्रधान प्रदेश है एवं कृषि की कल्पना पशु पालन के बिना संभव नहीं है । पशु पालन विभाग द्वारा पशु पालन को आसान बनाने के लिए पशु चिकित्सा एवं आर्थिक लाभ जैसे आयोमो के माध्यम से कार्य किया जाता है । उन्होने कहा कि यह जागरूकता जरूरी है कि पश्ाु पालन ईको सिस्टम के साथ इकोनोमी की रीढ है उन्होने सभी उपस्थित कृषकों से अपील की कि जिले में गेहुॅ उपार्जन के लिए पंजीकरण का कार्य किया जा रहा है । सभी कृषक अपना पंजीकरण करवाए ताकि उपार्जन अधिक से अधिक मात्रा में हो सके।
इस दौरान शासन की योजना के माध्यम से बकरी पालन के क्षेत्र में प्राप्त हुई सफलता के बारे में जोबट के कृषक श्री प्रदीप सिंह राठौड ने अपना अनुभव साझा किया । साथ ही पशुपालक एवं गौशाला संचालक श्री राजेन्द्र टवली ने गौ सेवा एवं पशुपालन के महत्व पर प्रकाशा डाला ।
इस दौरान उपसंचालक कृषि श्री सज्जनसिंह चौहान एवं उपसंचालक पशु पालन विभाग श्री गुलाबसिंह सोलंकी एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ यादव ने अपने अपने विभाग की जानकारी साझा की । इस दौरान बडी संख्या में कृषक एवं विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।