नरवाई जलाने पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हुआ आदेश
कटनी - पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम तथा जन,धन एवं हानि और मिट्टी की उर्वरक शक्ति पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के मद्देनजर अपर जिला दंडाधिकारी साधना परस्ते ने कटनी जिले की राजस्व सीमान्तर्गत नरवाई जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। अपर जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रायः यह देखा गया है कि फसल कटाई के पश्चात किसान अपने खेतों में खड़े डण्डलों, फसल अवशेष (नरवाई) को खुले रूप से सुरक्षात्मक उपायों को अपनाये विना आग लगाकर खेतों की सफाई करते है। किसानों द्वारा अपनाई जाने वाली इस प्रक्रिया से उड़ने वाली चिंगारी से आस-पास के खेत व अन्य तरीकों से अग्नि की बड़ी दुर्घटना घटने की संभावना रहती है। इसके अतिरिक्त खेत में नरवाई जलाने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में धुआं उत्पन्न होता है जिससे पर्यावरणीय प्रदूषण भी बढ़ता है। समग्र रूप में नरवाई जलाने पर अग्नि दुर्घटना, पब्लिक न्यूसेस, जन हानि, धन हानि, पशु एवं पक्षियों की हानि, खेत खलिहानों में रखी फसल का नुकसान एवं मिट्टी की उर्वरक शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिससे अंततः क्षेत्र में लोक परिशांति भंग होने के साथ-साथ कानून व्यवस्था की विपरीत स्थिति निर्मित होती है और लोक सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है जिससे किसी आपदा की स्थिति की आशंका बनी रहती है जिसका समय रहते तुरंत निवारण अथवा शीघ्र उपचार करना अत्यंत आवश्यक एवं वांछनीय है। इसके मद्देनजर अपर जिला दंडाधिकारी ने कटनी जिले की राजस्व सीमांतर्गत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत फसल कटाई उपरांत खेतों में नरवई जलाने की प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। ए.डी.एम ने कानून व्यवस्था तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये संपूर्ण कटनी जिला सीमा अंतर्गत फसल कटाई उपरांत किसानों द्वारा नरवाई (फसल अवशेष) जलाने को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया है। इसलिए कोई भी कृषक और व्यक्ति नरवाई में आग न लगावें। यदि कोई व्यक्ति कृषक आदेश का उल्लंघन करेगा तो उल्लंघन करेगा तो उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एव वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत दंडात्मक एवं जुर्माने की कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश आगामी दो माह तक की अवधि के लिये प्रभावशील रहेगा।