गेहॅू की नरवाई जलाने से नष्ट होते हैं खेत के पोषक तत्व

दतिया जिलेे के सभी किसान भाईयों से अपील है कि वर्तमान में रबी फसलों की कटाई हो रही है। कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया केन्द्र प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं परियोजना संचालक आत्मा द्वारा किसानों को सलाह देते हुए कहा किसान भाई खेत में नरवाई न जलाऐं, नरवाई जलाने से खेत में उपलब्ध विभिन्न पोषक तत्व एवं लाभदायक जीवाणु नष्ट होते है, फलस्वरूप खेत की उपजाऊ क्षमता कम होती है। उन्होंने कृषकों केा सलाह दी कि फसल कटाई उपरांत खेत में नमी होती है। किसान भाई उसी समय खेत की गहरी जुताई करें, जिससे नरवाई का प्रबंधन जैविक खाद के रूप में हो सके।
नरवाई जलाने से भूमि की भौतिक दशा खराब हो जाती है, भूमि कठोर हो जाती है, भूमि की जलधारण क्षमता कम हो जाती है, फलस्वरूप फसलें जल्दी-जल्दी पानी न मिलने से सूखने लगती है। भूमि में होने वाली रासायनिक क्रियाऐं भी नरवाई जलाने से प्रभावित होती है, जैसे कार्वन, नाईट्रोजन एवं कार्बन फास्फोरस का अनुपात गिर जाता है। जिससे पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में कठिनाई होती है। नरवाई की आग फेलने से जन-धन, पशुओं की हानि होती है। साथ-साथ ही कभी-कभी पेड़-पौधे, घर, झोंपडी आदि जलकर नष्ट हो जाती है। जिससे किसान भाईयों को अधिक क्षति होती है। किसान भाई नरवाई को न जलाऐं भूसा बनाने वाली मशीन से भूसा बनाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करें अथवा खेत में गहरी जुताई कर नरवाई का प्रबंधन करें।